Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 08:33 AM
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी, सूर्य सप्तमी, आरोग्य सप्तमी या पुत्र सप्तमी के नाम से जाना जाता है। यदि सप्तमी रविवार के दिन पड़े तो उसे भानु सप्तमी कहा जाता है। युधिष्ठिर को इस तिथि का
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी, सूर्य सप्तमी, आरोग्य सप्तमी या पुत्र सप्तमी के नाम से जाना जाता है। यदि सप्तमी रविवार के दिन पड़े तो उसे भानु सप्तमी कहा जाता है। युधिष्ठिर को इस तिथि का महत्व बताते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था की इस तिथि पर स्नान-दान, पितरों के तर्पण व सूर्य पूजा एवं वस्त्रादि दान करने वाला बैकुंठ में स्थान पाता है।
भगवान सूर्य को समर्पित इस पर्व पर स्नान, दान, पूजा आदि सत्कर्मों का फल हजार गुना अधिक मिलता है। विद्वानों के अनुसार आज 24 जनवरी 2018 को दस साल बाद विशेष संयोग बना है। जब सूर्यास्त का दर्शन करना अत्यंत शुभ फलदाई रहेगा। तन, मन और धन से संबंधित सभी दुखों का नाश होगा।
कथा- भगवान कृष्ण के पुत्र साम्ब को अपने शारीरिक बल और सौष्ठव पर अभिमान होने लगा। मद में आकर एक दिन उसने दुर्वासा ऋषि का अपमान कर दिया। ऋषि ने क्रोध में आकर उसे कुष्ठ रोग होने का श्राप दे दिया।
भगवान कृष्ण को ऋषि के श्राप के बारे में पता चला तो उन्होनें अपने पुत्र को सूर्य की आराधना करने के लिए कहा। अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए साम्ब ने सूर्य देव की 12 साल तक तपस्या की और उन्हें प्रसन्न किया। समस्त रोगों का नाश करने वाले सूर्य देव ने उन्हें रोग मुक्त किया।
विशेष- आज के दिन तेल और नमक न खाएं। सूर्य को प्रसन्न कर आरोग्य, पुत्र, धन और सुख की प्राप्ति करें।