Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jul, 2022 09:00 AM

भगवान शिव को शिव शंकर, आशुतोष, सदाशिव, भोले भंडारी, आदिदेव, महादेव जैसे कई नामों से जाना जाता है। इसी तरह भगवान शिव की आराधना भी कई तरह से की जाती है। जहां
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What are the benefits of Worshipping Lord Shiva: भगवान शिव को शिव शंकर, आशुतोष, सदाशिव, भोले भंडारी, आदिदेव, महादेव जैसे कई नामों से जाना जाता है। इसी तरह भगवान शिव की आराधना भी कई तरह से की जाती है। जहां भगवान शिव को निराकार स्वरूप में भजा जाता है, वहीं भगवान शिव की उपासना शिवलिंग स्वरूप में भी की जाती है।
भगवान शिव की आराधना का यह स्वरूप मृत्युलोक में काफी प्रचलित है। वैसे पुराणों में वर्णन मिलता है कि आकाश में तारकलिंग, पाताल में हाटकेश्वर और मृत्युलोक में श्री महाकालेश्वर जो ज्योर्तिलिंग हैं, आराधना योग्य हैं। भगवान शिव शंभू का शिवलिंग स्वरूप में पूजन और अर्चना कई तरह से किया जाता है।
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वैसे भगवान शिव की पूजा पाषाण, पार्थिव शिवलिंग आदि स्वरूप में भी की जाती है। ऐसे में ये अत्यंत शुभफलदायक होते हैं। भगवान शिव के शिवलिंग के तौर पर स्फटिक के शिवलिंग, पाषाण के शिवलिंग, पारद के शिवलिंग की भी पूजा की जाती है। पारद का शिवलिंग अत्यंत दुर्लभ होता है। वास्तव में पारा एकमात्र ऐसी धातु है, जो तरल अवस्था में पाई जाती है तथा इसे एक आकार देना अत्यंत कठिन होता है। इस शिवलिंग की पूजा करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है।
Shivling puja mantra: सावन मास में भगवान शिव की पूजा के समय ओम नमः शिवाय शिवाय नम: मंत्र का जाप प्रतिदिन 5 माला करने से आपको सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। सावन में महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप किया जाता है। हर रोज एक माला जाप करना चाहिए। इसके जाप से अकाल मृत्यु और असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है।