Kundli Tv- आज भी यहां विश्राम के लिए आते हैं हनुमान जी

Edited By Jyoti,Updated: 08 Nov, 2018 10:54 AM

religious place of lord hanuman

परम ब्रह्मचारी श्री राम भक्त हनुमान जी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। ब्रह्मचारी होने के साथ-साथ इन्हें महातपस्वी और महा बलशाली भी माना जाता है।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
परम ब्रह्मचारी श्री राम भक्त हनुमान जी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। ब्रह्मचारी होने के साथ-साथ इन्हें महातपस्वी और महा बलशाली भी माना जाता है। भारत के कोने-कोने में इनके अनेकों मंदिर स्थापित हैं और इन मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यता भी है। आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सीधा संबंध महाभारत से है। आइए जानते है इसके बारे में-
PunjabKesari
पवनपुत्र के इस मंदिर का नाम पांडुपोल हनुमान मंदिर है। बता दें कि यह जयपुर के अलवर ज़िले में स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी की शयन मुद्रा में लेटी हुई प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है इस जगह पर हनुमान जी विश्राम करने के लिए रूके थे।
PunjabKesari
यहां जानें मंदिर से जुड़ी पूरी पौराणिक कथा-
प्राचीन कथाओं के मुताबिक जब पांडव अपनी मां कुंती के साथ वन में भटक रहे थे, उस समय ये लोग घूमते-घूमते अलवर के इस वन क्षेत्र में आ गए थे। बताया जाता है कि पांडवों के विचरण के दौरान एक स्थान ऐसा आया जहां से आगे जाने का उन्हें कोई रास्ता नहीं था। तब महाबली भीम ने रास्ते में खड़ी विशाल चट्टान को अपनी गदा के प्रहार से चकनाचूर कर रास्ता बनाया था। इस घटना से प्रभावित होकर भीम के भाइयों और माता ने उनके बल की खूब प्रशंसा की। इस प्रशंसा से भीम में कुछ घमंड आ गया था। आगे चलकर पांडवों को रास्ते में एक बड़ा सा बूढ़ा वानर लेटा हुआ मिला। भीम ने उस वानर को वहां से उठकर कहीं और विश्राम करने के लिए कहा।
PunjabKesari
तब उस वानर ने कहा कि मैं बुढ़ापे के कारण हिल-डुल नहीं सकता तुम लोग दूसरे रास्ते से आगे बढ़ जाओ। लेकिन भीम को वानर की यह बात अच्छी नहीं लगी और वे उस वानर को वहां से हटाकर दूर करने के लिए आगे आया। कहा जाता है कि शरीर तो दूर भीम उस वानर की पूंछ तक को भी न हिला सका। काफी प्रयासों के बावजूद जब वानर टस से मस नहीं हुआ तो भीम ने लज्जित होकर उससे अपनी गर्व भरी बातों के लिए क्षमा याचना की। तब वह वानर अपने असली रूप में आया। वह वानर स्वयं हनुमान जी थे। भीम के माफी मांगने पर हनुमान जी ने उसे माफ कर स्वयं प्रकट होकर भीम को महाबली होने का वरदान दिया व उन्हें कभी अहंकार न करने की सलाह भी दी थी। जिस स्थान पर हनुमान जी लेटे थे मतलब विश्राम कर रहे थे उस स्थान पर पांडुपोल हनुमान मंदिर का निर्माण किया गया था। कहा जाता आज भी यहां हनुमान जी स्वयं  विराजते हैं।
इस खास टोटके से मां लक्ष्मी नहीं छोड़ेंगी आपका घर (VIDEO)

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!