Kundli Tv- क्या आपके घर में लगे हैं एेसे पर्दे तो आज ही हटाएं

Edited By Jyoti,Updated: 19 Aug, 2018 01:45 PM

remove the curtains in your house then remove it today

पर्दों का इस्तेमाल तकरीबन हर घर में किया जाता है। इनका उपयोग घर के कमरों की खिड़कियों, दरवाजों, रोशनदानों, बालकनी, मेहराब आदि में तो होता ही है।

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पर्दों का इस्तेमाल तकरीबन हर घर में किया जाता है। इनका उपयोग घर के कमरों की खिड़कियों, दरवाजों, रोशनदानों, बालकनी, मेहराब आदि में तो होता ही है। लेकिन आजकल बहुत से घरों में दो स्थानों को अलग करने के लिए भी इनका प्रयोग किया जाता है। अपने लाइफ स्टाइल को और अच्छा करने के लिए आजकल लोग मार्केट से रंग-बिरगे डिफरेंट तरह के पर्दे खरीदते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु के अनुसार पर्दे आपके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। तो आईए जानते हैं कि पर्दों का चयन करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
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आप जो भी पर्दे घर की पूर्व, उत्तर एवं पूर्वोत्तर दिशाओं में प्रयोग करें, वे यथासंभव ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी हों। यदि इन दिशाओं में कोई बैडरूम बना हो तो उसके लिए हल्के-फुल्के सौम्य, सैल्फ डिजाइन वाले पारदर्शी पर्दों का चयन भी किया जा सकता है।

बनावट के अनुसार पूर्ण या अल्प पारदर्शिता की श्रेणी में आधुनिक शैली में सीप, कौड़ी, कपड़े, कागज या रिबन आदि के बने झालरनुमा पर्दे भी आते हैं। इन सभी का प्रयोग आप अपनी पूर्व व उत्तर दिशाओं की बालकनी, पोर्च, प्रवेश द्वार के भीतर बड़ी आसानी से कर सकते हैं।
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घर की लॉबी, जिसे ब्रह्म स्थान भी कहा जाता है, को वास्तु के पंच तत्वों में से आकाश तत्व की संज्ञा दी जाती है। उसे भी दो भागों में अलग करने का काम पर्दे के माध्यम से किया जा सकता है। यहां पारदर्शी झालरें दो स्थानों को अलग-अलग हिस्से में बांटने का काम कर सकती हैं और साथ ही यह आपके घर की सुंदरता भी बढ़ा सकती हैं।

जहां तक पर्दों के डिजाइनों का संबंध है तो इस विषय में फेंगशुई के अनुसार, वे पर्दे जोकि घर की उत्तर दिशा में प्रयोग किए जा रहे हैं उन पर ऐसी क्षैतिज (हॉरीजैंटल) लहरों जैसी डिजाइनों का प्रयोग करें, जोकि नदी, समुद्र या विशाल झील में पानी की तरंगों या लहरों के समान प्रतीत होती हों। इससे उत्तर दिशा में वास्तु के जल तत्व की ऊर्जा में वृद्धि होगी व इससे परिवार के सदस्यों को करियर में सफलता मिलेगी। खड़ी लाइनों या पट्टियों के डिजाइनों वाले पर्दों का प्रयोग घर की पूर्व दिशा में करना चाहिए।
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अग्रि तत्व को इंगित करने वाली दक्षिण दिशा में पर्दों का डिजाइन ऐसे त्रिकोण वाला होना चाहिए, जिसका नुकीला भाग ऊपर की ओर हो। ऐसे डिजाइन का दक्षिण दिशा के पर्दे में प्रयोग करने से परिवार के आंतरिक संबंधों में मधुरता व अपनत्व को बढ़ावा मिलता है।

यदि आपके घर में पश्चिम दिशा में कुछ ऐसी खिड़कियां या दरवाजे हों, जिन पर आप पर्दों का प्रयोग करना चाहते हों तो यहां गोलाकार डिजाइन के पर्दे लगाएं। इससे पश्चिम दिशा में धातु तत्व को बढ़ावा मिलेगा तथा सगे-संबंधी व मित्रों का व्यवहार आपके प्रति सहयोगपूर्ण बनेगा।
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पूर्व दिशा में हरा, दक्षिण दिशा में लाल, पश्चिम दिशा में सफेद, गोल्डन, सिल्वर आदि तथा उत्तर दिशा में नीले रंग की प्रमुखता वाले रंग या डिजाइन के पर्दों के प्रयोग से चारों दिशाओं की अपनी प्रकृति से सामंजस्य रखने वाले रंग पूरे परिवार में सामंजस्य बनाने में सहयोगी सिद्ध होंगे।

अगर पर्दा कहीं से कटा-फटा हो तो उसे बदल देना चाहिए क्योंकि ऐसे पर्दे दरिद्रता के प्रतीक होते हैं। घर के सभी पर्दों की समय-समय पर ड्राई क्लीनिंग करवाना भी जरूरी  है, अन्यथा धूल-मिट्टी के कारण पर्दे नकारात्मक ऊर्जा देना शुरू कर देते हैं।
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