Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Apr, 2018 11:24 AM
नवग्रह कुण्डली में अपना अधिकार रखते हैं, ग्रहों की स्थिती के अनुसार व्यक्ति का जीवन चक्र चलता है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और छाया ग्रह राहु-केतु सभी मिलकर विभिन्न भागों को संचालित करते हैं।
नवग्रह कुण्डली में अपना अधिकार रखते हैं, ग्रहों की स्थिती के अनुसार व्यक्ति का जीवन चक्र चलता है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और छाया ग्रह राहु-केतु सभी मिलकर विभिन्न भागों को संचालित करते हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण हैं शनि, जिन्हें कर्मफलदाता की उपाधि से नवाजा गया है। इन्हें क्रूर ग्रह भी कहा गया है। वास्तव में ये क्रूर नहीं हैं बल्कि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि जिन लोगों पर कहर बरसाने वाले होते हैं, उनके घर-परिवार में कुछ अशुभ संकेत देने पहले से आरंभ कर देते हैं। समझें इशारे-
फुटवियर बार-बार टूटने अथवा चोरी होने।
धनहीन अथवा निर्धन की गलती से कोई हानि हो जाना।
घर में स्वच्छता का माहौल रखने के बाद भी मकड़ी के जाले लगे रहना।
पिता और पुत्र में आए दिन वाद-विवाद होना। छोटी सी बात पर मतभेद होना।
घर में नुक्सान होना।
घर के पशु की आचानक मृत्यु हो जाना।
घर के किस्सी हिस्से में आग लगना।
दांतों और आंखों में कमजोरी होना।
दुर्घटना में अंगहीन हो जाना।
करें ये उपाय
डाकोत को नियमित रूप से तेल देने, साधु को लोहे का तवा, चिमटा या अंगीठी दान करने से शनि का प्रभाव अच्छा हो जाता है। शनि के अच्छे प्रभाव लेने के लिए नंगे पैर मंदिर जाना चाहिए।