Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Jan, 2019 11:45 AM
भारतीय संस्कृति में व्रत और त्यौहारों को बहुत अहमियत दी जाती है। हर उपवास और पर्व का अपना-अपना महत्व होता है। इसी श्रृंखला में आता है संकष्टी चतुर्थी का व्रत। इसे सकट चौथ, वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ और तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
भारतीय संस्कृति में व्रत और त्यौहारों को बहुत अहमियत दी जाती है। हर उपवास और पर्व का अपना-अपना महत्व होता है। इसी श्रृंखला में आता है संकष्टी चतुर्थी का व्रत। इसे सकट चौथ, वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ और तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार महीने में दो बार चतुुर्थी तिथि आती है लेकिन माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। पश्चिमी और दक्षिणी भारत में इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। आज ये शुभ दिन है। ये व्रत महिलाएं अपने घर-परिवार की सलामती के लिए करती हैं ताकि विघ्नहर्ता को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
क्या खाएं- शक्करकंदी, तिल, गुड़, उड़द, चावल
क्या न खाएं- राहु ग्रह से संबंधित चीजें नहीं खानी चाहिए जैसे मूली, कटहल, काला नमक और प्याज
शुभ मुहूर्त- आज रात चन्द्रमा उदय होने का शुभ मुहूर्त 8.20 बजे रहेगा। ये व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है। भोग लगाकर प्रसाद खाना चाहिए, तभी व्रत पूरा होता है।
आज अवश्य करें ये काम- उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।
गणेश जी को दुर्वा, मोदक और तिल के लड्डूओं का भोग जरूर लगाना चाहिए।
संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा सुनने के बाद आरती अवश्य करें।
कुंभ के बारे में कितना जानते हैं आप !