संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत: जप-दान-अनुष्ठान देगा दस लाख गुना अधिक फल

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 02 Apr, 2018 12:10 PM

sankashti chaturthi on 3rd april

मंगलवार दि॰ 03.04.18 वैशाख कृष्ण चतुर्थी के उपलक्ष्य में वैसाखी संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। कृष्ण पक्ष को आने वाली चौथ को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगलवार पर पड़ने वाली चतुर्थी को

मंगलवार दि॰ 03.04.18 वैशाख कृष्ण चतुर्थी के उपलक्ष्य में वैसाखी संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। कृष्ण पक्ष को आने वाली चौथ को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगलवार पर पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारक चतुर्थी कहते हैं। इसी करण इस चतुर्थी को वैसाखी अंगारक संकष्टी चतुर्थी कहा जाएगा। वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणपति के “वक्रतुण्ड” स्वरूप की पूजा करने का विधान है। गणेश के अष्ट स्वरूप वर्णन में पहला स्वरूप वक्रतुण्ड है। वक्रतुण्ड स्वरूप की पौराणिक किविंदीती के अनुसार गणेश और मत्सरासुर के बीच 5 दिनों तक भयंकर युद्ध चला। युद्ध में मत्स-रासुर के दोनों पुत्र सुन्दरप्रिय व विषयप्रिय मारे गए और वक्रतुंड का क्रोधित रूप देख मत्स-रासुर मारे भय के कांपने लगा, उसकी सारी शक्ति क्षीण हो गई तथा वह विनयपूर्वक वक्रतुंड की स्तुति करने लगा। इससे दयामय भगवान वक्रतुंड प्रसन्न हुए व मत्स-रासुर को अभयदान दिया।


अंगारक चतुर्थी का संबंध गणपती के आंगरक स्वरूप से है। वेदव्यास जी के अनुसार अंगारक चतुर्थी पर जप, दान, अनुष्ठान दस लाख गुना प्रभावशाली होता है। मत्स्य पुराण, नारद पुराण व गणेश पुराण आदि शास्त्रों में आंगरकी चतुर्थी की बड़ी महिमा कही गई है। गणेश पुराण के उपासना खण्ड के साठवें अध्याय में अंगारक चतुर्थी का महात्म वर्णित है। मंगल देव के कठिन तप से प्रसन्न होकर गणेश ने वरदान देकर मंगलवारीय चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी नाम दिया। आंगरक चतुर्थी के विशेष उपाय से हर कार्य निर्विघ्न सम्पूर्ण होता है, व्यक्ति को सारे सुख प्राप्त होते हैं व कर्जों से मुक्ति मिलती है।


पूजन विधि: घर की पूर्व दिशा में पूर्वमुखी होकर लाल कपड़े पर गणेश जी का चित्र स्थापित कर षोडशोपचार पूजन करें। गौघृत में सिंदूर मिलाकर दीपक करें, गुगल से धूप करें, गैंदे का फूल चढ़ाएं, सिंदूर चढ़ाएं, गुड़ का भोग लगाएं, लाल चंदन की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग किसी ब्राह्मण को दान करें।


पूजन मुहूर्त: रात 20:30 से रात 21:30 तक।
चंद्र पूजन मुहूर्त: 21:27 से रात 21:42 तक। (चंद्रौदय)
पूजन मंत्र: ॐ चन्द्रचूडामण्ये नमः॥ 


उपाय
विघ्न विनाश के लिए गणपती पर 11 दूर्वा चढ़ाएं।


सुख प्राप्ति हेतु गणपती पर 11 लड्डू चढ़ाकर ब्राह्मण को दान करें।


कर्जों से मुक्ति के लिए गणपती पर 4 बिल्व गिरि चढ़ाकर तिजोरी में स्थापित करें। 


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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