Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Apr, 2018 07:43 AM
आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। ये दिन भगवान गणेश को समर्पित है। मंगलवार को ये दिन आने से अंगारक चतुर्थी कहलाता है। कहते हैं मंगलवार के स्वामी मंगल देव ने जब गणेश जी को प्रसन्न किया तो उन्होंने आशीर्वाद रूप में उनसे कहा था,
आज वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। ये दिन भगवान गणेश को समर्पित है। मंगलवार को ये दिन आने से अंगारक चतुर्थी कहलाता है। कहते हैं मंगलवार के स्वामी मंगल देव ने जब गणेश जी को प्रसन्न किया तो उन्होंने आशीर्वाद रूप में उनसे कहा था, जब भी मंगलवार को चतुर्थी तिथि पड़ेगी वह अंगारकी अथवा अंगारक चतुर्थी के नाम से जानी जाएगी। इस रोज व्रत करने से सारे साल में जितने भी चतुर्थी व्रत आएंगे उनका फल प्राप्त होगा। आज गणपति जी के निमित्त खास पूजन और दान-पुण्य करना चाहिए। सभी तरह के अभावों से छुटकारा मिलेगा। जो जातक धन और कर्ज से परेशान हैं, वह आज चांद निकलने से पहले कर लें ये काम-
लाल रंग के कपड़े गणेश जी को भी पहलाएं और स्वयं भी पहनें।
गणेश जी के स्वरूप का पंचामृत से अभिषेक करें।
भोग रूप में मोदक, दूर्वा, लाल फूल और तिल के लड्डू अर्पित करें। ये भोज्य पदार्थ बप्पा को बहुत प्रिय हैं।
धूप-दीप करें। इस मंत्र से ध्यान करें और कम से कम एक माला जाप करें।
मंत्र- श्री गणेशाय नम:
संध्या के समय गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्रीगणेश सहस्रनामावली, गणेश जी की आरती, संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। अंत में गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम: अथवा 'ॐ गं गणपतये नम:' का अपनी श्रद्धा के अनुसार जाप करें।
आज के दिन चांद का दीदार नहीं करना चाहिए। दृष्टि धरती की आेर करके चंद्रमा की कल्पना मात्र करके अर्घ्य देना चाहिए। रात को चन्द्र दर्शन 9 बज कर 45 मिनट पर होगा। चन्द्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें।