ईश्वर में अनुरक्ति ही वास्तविक भक्ति है : माता सुदीक्षा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Jan, 2022 10:21 AM

satguru mata sudiksha ji maharaj

संत निरंकारी मिशन की प्रमुख सतगुरु माता सुदीक्षा ने कहा कि ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के उपरांत

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

नई दिल्ली (ब्यूरो) : संत निरंकारी मिशन की प्रमुख सतगुरु माता सुदीक्षा ने कहा कि ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के उपरांत हृदय से जब भक्त और भगवान का नाता जुड़ जाता है, तभी वास्तविक रूप में भक्ति का आरंभ होता है। हमें स्वयं को इसी मार्ग की ओर अग्रसर करना है, जहां भक्त और भगवान का मिलन होता है। 

भक्ति केवल एक तरफा प्रेम नहीं यह तो ओत-प्रोत वाली अवस्था है। जहां भगवान अपने भक्त के प्रति अनुराग का भाव प्रकट करते हैं, वहीं भक्त भी अपने हृदय में प्रेमाभक्ति का भाव रखते हैं। माता सुदीक्षा भक्ति पर्व समागम को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर विश्वभर के श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभु प्रेमी सज्जन वर्चुअल माध्यम से जुड़े। इसका लाभ मिशन की वेबसाइट के माध्यम द्वारा सभी भक्तों ने प्राप्त किया। 

इस मौके पर सतगुरु माता ने कहा कि जीवन का जो सार तत्व है वह शाश्वत रूप में यह निराकार प्रभु परमात्मा है। इससे जुड़ने के उपरांत जब हम अपना जीवन इस निराकार पर आधारित कर लेते हैं, तो फिर गलती करने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। हमारी भक्ति का आधार यदि सत्य है तब फिर चाहे संस्कृति के रूप में हमारा झुकाव किसी भी ओर हो, हम सहजता से ही इस मार्ग की ओर अग्रसर हो सकते हैं। किसी संत की नकल करने की बजाए, जब हम पुरातन संतों के जीवन से प्रेरणा लेते हैं तब जीवन में निखार आ जाता है। उन्होंने कहा कि यदि हम किसी स्वार्थ की पूर्ति के लिए ईश्वर की स्तुति करते हैं, तो वह भक्ति नहीं कहलाती। भक्ति तो हर पल, हर कर्म को करते हुए ईश्वर की याद में जीवन जीने का नाम है। यह एक हमारा स्वभाव बन जाना चाहिए।

सतगुरु माता ने कहा कि भक्त जहां स्वयं की जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने जीवन को निखारता हैं, वहीं हर किसी के सुख-दुख में शामिल होकर यथा सम्भव उनकी सहायता करते हुए पूरे संसार के लिए खुशियों का कारण बनते हैं।

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!