Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Jul, 2019 07:31 AM
सर्वशक्तिमान परमात्मा एक है परंतु उनके रुप अनेक हैं। सभी प्रभु भक्त अपनी आस्था एवं विश्वास के साथ विभिन्न प्रकार से भगवान की स्तुति करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। जब भगवान प्रसन्न हो जाते हैं तो
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सर्वशक्तिमान परमात्मा एक है परंतु उनके रुप अनेक हैं। सभी प्रभु भक्त अपनी आस्था एवं विश्वास के साथ विभिन्न प्रकार से भगवान की स्तुति करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। जब भगवान प्रसन्न हो जाते हैं तो अपने भक्तों पर ऐसी कृपा करते हैं कि उन्हें फिर संसार में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती। भगवान शिव को भोले भंडारी भी कहा जाता है क्योंकि वह बहुत जल्दी रीझ जाते हैं इसीलिए भक्तजन शिव जी का विशेष पूजन सावन मास में करते हैं। भगवान शिव की शक्ति अपरम्पार है, वह सच्चिदानंद शिव एक है, वे गुणातीत और गुणमय भी हैं। भगवान शिव ब्रह्म रुप में सृष्टि की उत्पत्ति करते हैं और विष्णु रुप में संसार का पालन करते हैं और शिव रूप में सृष्टि का संहार भी करते हैं। ऐसे में भक्तजन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव की उपासना करते हैं और जिसके लिए उन्हें विशेष रुप से सावन के मास का इंतजार रहता है।
आज सावन के दूसरे सोमवार के साथ सोम प्रदोष भी पड़ रहा है। जन्मकुंडली में कोई ग्रह बाधा कारक हो तो श्रावण मास के दूसरे सोमवार को उस ग्रह की शांति हेतु भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए जैसे सूर्य ग्रह से जीवन में बाधा आ रही हो तो लाल आक के फूलों से भगवान शिव को अर्पण कर प्रसन्न किया जा सकता है। चन्द्रमा हानिकारक हो तो गाय के कच्चे दूध से शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।
मंगल बाधाकारक हो तो गिलोय नामक जड़ी-बुटी को भगवान शिव पर अर्पण करना चाहिए।
बुध हानिकारक हो तो हरी दुर्वा गाय के दूध के साथ शिवलिंग पर चढ़ानी चाहिए।
बृहस्पति दुख का कारण बन रहा हो तो दूध में हल्दी मिलाकर शिवलिंग पर अर्पण करनी चाहिए।
शुक्र बाधाकारक हो तो पंचामृत का प्रयोग कर शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।
शनि जीवन में परेशानी पैदा कर रहा हो तो गन्ने के रस से शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।
राहु व केतु की शान्ति के लिए स्वच्छ दुर्वा को जल में मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करने से जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती है और अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष बॉक्सर देव गोस्वामी
devgoswami530@gmail.com