Edited By Jyoti,Updated: 07 Jul, 2020 12:20 PM
भोलेनाथ के भक्तों को ये बताने की तो कोई आवश्कता नहीं है कि सावन का पावन माह आरंभ हो चुका है।
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भोलेनाथ के भक्तों को ये बताने की तो कोई आवश्कता नहीं है कि सावन का पावन माह आरंभ हो चुका है। हिंदू धर्म में जैसे दीवाली दशहरा आदि जैसे त्यौहारों को धूम-धाम मनाया जाता ठीक वैसे ही सावन का पूरा माह शिव भक्तो अपने आराध्य की भक्ति में लीन रहते हैं। मगर इस बार मानो भगवान शंकर के श्रद्धालुओं की किसी की नज़र लग गई हो। कोरोना के कारण इस बार ज्यादातर लोग अपने घर में रहकर ही भोलेनाथ की पूजा कर रहे हैं। मगर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने ये तय तो कर लिया है कि वो घर से पूजा-पाठ करेंगे। मगर उन्हों इस बारे में जानकारी नहीं है आख़िर कैसे सावन के पावन माह में घर रहकर ही मंदिर में पूजा के फल जैसा लाभ कैसे प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं शिव पुराण में बताए गए कुछ उपाय, साथ ही साथ जानेंगे भगवान शिव से जुड़े ऐसे कुछ तथ्य जो आपके लिए नीति का भी काम करेंगे।
कहा जाता है भगवान शंकर अपने भक्तों को बहुत थोडे़ प्रयासों से उन पर प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बरसा देते हैं। यानि ऐसे में अगर आप सावन के पावन माह मेें छोटे से भी प्रयास करते हैं तो आपको इनकी कृपा प्राप्त हो सकती है।
आइए जानते हैं क्या है वो सरल उपाय-
सावन माह के दौरान प्रात: नित्यकर्म से निवृत हो, स्नान आदि कर भगवान शंकर एवं उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती और नंदी के चित्र या प्रतिमा पर गंगाजल अर्पित करें। इसके बाद शिव जी को चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल चढ़ाएं। फिर निम्न मंत्र का जप करें।
उसके बाद शिव मंत्र की माला जपें:-
मन्दारमालाङ्कुलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
श्री अखण्डानन्दबोधाय शोकसन्तापहारिणे।
सच्चिदानन्दस्वरूपाय शंकराय नमो नम:॥
ध्यान रखें मंत्र जाप के बाद भगवान शिव जी को शुद्ध घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाएं। तथा बाद धूप, दीप से विधिवत महादेव की आरती करें। ध्यान रखें सबसे पहले प्रसाद गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवारों में बांटें, उसके बाद खुद ग्रहण करें।