Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Jul, 2020 09:57 AM
वैसे तो पूरा सावन का महीना ही भोलेनाथ शंकर को समर्पित होता है लेकिन हमारे शास्त्रों व हमारी संस्कृति में सावन की शिवरात्रि को बहुत महत्ता प्रदान की गई है। शास्त्रों के अनुसार इस शिवरात्रि पर
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Sawan Shivratri 2020: वैसे तो पूरा सावन का महीना ही भोलेनाथ शंकर को समर्पित होता है लेकिन हमारे शास्त्रों व हमारी संस्कृति में सावन की शिवरात्रि को बहुत महत्ता प्रदान की गई है। शास्त्रों के अनुसार इस शिवरात्रि पर विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विशेष फल मिलता है और ऐसी मान्यता भी है कि जो श्रद्धालु सावन शिवरात्रि पर सच्चे मन से शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करके उनकी आराधना करता है, उसकी सभी इच्छाएं भोले शंकर पूरी करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि पड़ती है, जिस दिन श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं लेकिन सावन मास की शिवरात्रि का इंतजार श्रद्धालुओं को विशेष रूप से रहता है क्योंकि इसे अत्यंत शुभ माना गया है । इस बार सावन शिवरात्रि 19 जुलाई, रविवार को है।
शिव पुराण में भी सावन शिवरात्रि का विशेष रूप से वर्णन किया गया है और सावन शिवरात्रि के व्रत की पूरी विधि भी बताई गई है। ऐसा माना जाता है कि सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव को भांग ,धतूर, बेल पत्र और गंगाजल अर्पित करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है और घर परिवार में आर्थिक समृद्धि हासिल की जा सकती है। यह भी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधिवत आराधना से जन्म कुंडली में चला आ रहा अशुभ चंद्र का दोष भी समाप्त होता है और मानसिक परेशानी भी दूर होती है। ऐसी भी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि का व्रत रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है क्योंकि इस व्रत में व्यक्ति अपने अवगुणों का त्याग करने का संकल्प लेता है।
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पहले व्रत का संकल्प लेना चाहिए और उसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय और नंदी की विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए । भोलेनाथ का अभिषेक करने से तो विशेष फल प्राप्त होता है । साथ ही शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप करने का भी विशेष महात्मय बताया गया है। इस दिन भगवान शिव के मंदिरों में विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। ऐसा जन विश्वास है कि सावन की शिवरात्रि का महत्व फागुन मास की महाशिवरात्रि के समान ही होता है।
गुरमीत बेदी
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