Edited By Jyoti,Updated: 05 Jul, 2020 06:34 PM
सावन का पावन महीने शुरू होने जा रहा है। इस दौरान हर कोई शिव जी की अराधना में लीन दिखाई देता है। मगर इस बार कोरोना महामारी ने न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है।
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सावन का पावन महीने शुरू होने जा रहा है। इस दौरान हर कोई शिव जी की अराधना में लीन दिखाई देता है। मगर इस बार कोरोना महामारी ने न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। जिसके चलते इस बार भगवान शिव की मंदिरों में पूजा करना शायद ही संभव हो। ऐसे में कई लोग तो घर में ही शिव जी की पूजा की तैयारियां करने में जुट गए हैं। किंतु कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बिल्कुल इस बारे में नहीं जानते हैं कि घर में कैसे शिव जी पूजा की जा सकती है। तो चलिए हम आपको बता देते हैं इस सावन कैसे आप अपने भोलेनाथ की कृपा पा सकते हैं।
इतना तो सब जानते ही होंगे कि सावन के इस पावन में शिव भक भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनका अनेक प्रकार से जलाभिषेक करते हैं। इसके लिए वे देशभर की पावन नदियों आदि से पावन गंगा जल भर लाते हैं और पूरे श्रद्धा भाव से शिव जी अर्पित करते हैं। किंतु अगर आप अपने घर पर बैठे ही शिव जी के लिंग रूप जिसका अर्थ निराकार हैं, की पूजा करना चाहते हैं तो बता दें ऐसा होना संभव है। जी हां, धार्मिक शास्त्रों के साथ-साथ वास्तु शास्त्र में भी 4 ऐसे शिवलिंग का जिक्र है जिनकी पूजा से आपको देवों को देव महादेव की कृपा तो प्राप्त होगी साथ ही जीवन से वास्तु दोष भी दूर हो जाएंगे।
मान्यता है कि सावन के माह पारद शिवलिंग की पूजा से संतानहीन दंपति को संतान की प्राप्ति होती है। इस शिवलिंग के लिएतो ये तक कहा जाता हैं कि जो पुण्यकाल 12 ज्योतिर्लिंग के पूजन प्राप्त होता है, वही पुण्य पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से होता है। बताया जाता है दरअसल पारा एक धातु हैं और पारद शिवलिंग, इसी धातु से निर्मित है। धार्मिक मान्यताओं के सावन में मपारद शिवलिंग की विधि-विधान के साथ पूजा करने से घर से दरिद्रता दूर हो जाती है।
इसके अलावा स्फटिक शिवलिंग की घर पर लाकर उनकी पूजा-अर्चना करने से घर के कलह-कलेश खत्म होते हैं। ऐसा माना जाता है कि स्फटिक शिवलिंग की पूजा से घर की सुख-शांति बरकरार रहती हैं तथा सभी मनोकामनाएं पूरी होतीही है। प्रचलित कथाओं के अनुसार इस शिवलिंग का नाम नर्मदा नदी से पड़ा है, जिस कारण नर्मेदश्वर शिवलिंग भी कहा जाता है। मान्यता है कि नर्मेदश्वर के आशीर्वाद से यम का भय नहीं रहता।
इन सबके अलावा मिट्टी, जल, भस्म, चन्दन, शहद इत्यादि आदि से बना पार्थिव शिवलिंग भी बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है सावन के महीने में इन शिवलिंग की आराधना से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता हैं।