Edited By Jyoti,Updated: 03 May, 2019 03:45 PM
हिंदू पंचांग के अनुसार कल यानि वैशाख कृष्ण पक्ष दिन शनिवार को शनिश्चरी अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि देव की पूजा का विधान है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार कल यानि वैशाख कृष्ण पक्ष दिन शनिवार को शनिश्चरी अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि देव की पूजा का विधान है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन शनि के पूजन से की इनकी साढ़ेसाती के साथ-सथ इनके दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है। तो अगर आप भी शऩ की ढैय्या या साढ़ेसाती से परेशान चल रहे हैं तो आपको बता दें कि ये दिन आपके लिए बहुत ही फायेदमंद हो सकता है। इसलिए बिना देर किए अभी से कल शनि देव की पूजा करने का नियम बना लें। परंतु अगर समय कम होने के कारण आप ये नहीं कर सकते हैं तो हमारे द्वारा आप दिए जाने वाले मंत्रों का थोड़ा सा समय निकाल कर जाप ज़रूर कर लें। मान्यता है कि जो पूरे तन मन से शनि के इन मंत्रों का उच्चारण करता है उस तो आइए आपको शनि देव के उन चमत्कारिक मंत्रों से परिचित करवाएं जिनके जाप मात्र से शनि आप पर सदैव प्रसन्न रहेंगे और जीवन में आपको कभी भी शनि की साढ़ेसाती का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वैदिक शनि मंत्र:
ॐ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
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पौराणिक शनि मंत्र:
ॐ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
तांत्रिक शनि मंत्र:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि स्तोत्र:
कोणस्थः पिंगलोबभ्रुः कृष्णो रौद्रोन्तको यमः।
सौरिः शनैश्चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः।।
एतानि दशनामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्।
शनैश्चर कृता पीड़ा न कदाचिद्भविष्यति।।
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शनि पीड़ा से बचने के लिए
प्रातः शनिदेव के दस नामो का स्मरण करने से भी शनि की पीड़ा शांति होती है।
ॐ ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
ॐ शां शनैश्चराय नम:।
ॐ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभि टये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात्।