सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या पर बन रहा है अद्भुत संयोग, आप भी उठाएं मौके का फायदा

Edited By Jyoti,Updated: 28 Apr, 2022 05:39 PM

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इस बार 30 अप्रैल को जहां एक ओर शनि अमावस्या पड़ रही है तो वहीं इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या का एक ही दिन पड़ना

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इस बार 30 अप्रैल को जहां एक ओर शनि अमावस्या पड़ रही है तो वहीं इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या का एक ही दिन पड़ना एक अद्भुत संयोग है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र है। अतः सूर्य और शनि ग्रह दोनों का एक साथ प्रसन्न करने का ये खास मौका है। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल में शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के दौरान करने वाले कुछ ऐसे असरदार टोटके बताने जा रहे हैं, जो आपके जीवन में प्रगति के नए रास्ते खोलेगा। तो चलिए जानते हैं इन चमत्कारी टोटकों के बारे में-  
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अगर आप धन में वृद्धि करना चाहते हैं तो शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के दौरान जरूरतमंदों को या मंदिर में अनाज, शत्रुओं के अंत के लिए काले तिल, विपत्ति से सुरक्षा के लिए छाता, पितृ दोष से मुक्ति के लिए उड़द की दाल और शनि के बुरे प्रभावों से मुक्ति के लिए सरसों के तेल दान शनि दोष व साढ़ेसाती से मुक्ति पाने के लिए शनि अमावस्या और ग्रहण के दिन शमी के पेड़ की पूजा करें। इस उपाय को करने से आपको जल्द ही शनि दोष से छुटकारा मिलेगा साथ ही शनिदेव की कृपा आप पर बनी रहेगी।

घर में सुख शांति के लिए शनि अमावस्या के दिन ग्रहण समाप्त होने के बाद शाम के समय शमी के पेड़ के नीचे सरसों का दीपक जलाएं। इस उपाय को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इतना इस उपाय को करने से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं।

जीवन से आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए। इसके लिए इस दिन शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करें। ऐसा करने से शनि के प्रकोप का भय खत्म होता है और जीवन की सभी समस्याएं दूर होती है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीपल की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु, ब्रह्मा, महेश व पितरों का वास होता है। तो ऐसे में शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसके नीचे सरसों का दीपक जलाएं। इससे आपको पुण्य की प्राप्ति होती है साथ ही शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इतना ही नहीं शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को प्रणाम करके उसकी परिक्रमा करने से आयु में वृद्धि होती है।

इसके अलावा शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या के दिन सरसों का तेल, उड़द दाल, काले चने, कुलथी और गुड़ शनिदेव को अर्पित करें। इस उपाय को करते ही शनिदेव की कृपा से आपके सभी रुके काम बनने लगते हैं।

बता दें कि शनि अमावस्या के दिन पितरों के नाम का जल अर्पण करें और भोजन करवाएं। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। तो वहीं शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए इस दिन शनिदेव की मूर्ति के सामने बैठकर शिव चालीसा या शिव स्त्रोत का पाठ करें। इतना ही नहीं इस दिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। ऐसा करने से आपके जीवन में सब कुछ अच्छा होने लगता है।
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