Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 May, 2020 07:13 AM
भगवान सूर्य व माता छाया के पुत्र शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हुआ था और इसीलिए इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है और ऐसी किंवदंती है कि पिता सूर्य के द्वारा माता छाया के अपमान के
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Shani Jayanti 2020: भगवान सूर्य व माता छाया के पुत्र शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हुआ था और इसीलिए इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है और ऐसी किंवदंती है कि पिता सूर्य के द्वारा माता छाया के अपमान के कारण शनि देव हमेशा अपने पिता सूर्य के प्रति वैर भाव रखते हैं इसलिए शनि को क्रूर ग्रह भी माना गया है लेकिन वास्तव में शनि उतने क्रूर नहीं हैं, जितना इनके बारे में नकारात्मक धारणा बनाई गई है। बहुत से लोग शनि के नाम पर भोली-भाली जनता को डरा कर अपना उल्लू सीधा करते हैं पर अधिकतर लोग भी शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसती और ढैय्या के नाम से ही परेशान हो जाते हैं।
शनि बहुत धीरे-धीरे चलने वाले ग्रह हैं। एक राशि में अढ़ाई साल तक रहते हैं। योगी और तपस्वी का जीवन व्यतीत करना बहुत पसंद करते हैं, यही कारण है कि शनि की दशा में व्यक्ति मोक्ष की बातें भी करने लगता है। अपने कष्टमय समय में जब हम शनि देव से प्रार्थना कर उनका स्मरण करते हैं तो वही शनिदेव हमें कष्टों से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।
इस बार शनि जयंती का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा आइए यह जानते हैं-
जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, उन राशि वालों को थोड़ा संभल कर रहना होगा। इस समय धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि वालों पर साढ़ेसाती चल रही है।
मिथुन राशि और तुला राशि वालों पर ढैय्या चल रही है। इनके लिए थोड़ी दौड़ धूप रहेगी। कामकाज में भी रुकावट आ सकती है या कर्ज बढ़ सकता है। मन में नकारात्मक विचार आएंगे और परिवारिक मोर्चे पर भी थोड़ा सा असहज महसूस करेंगे। इन राशि वालों को झूठ छल कपट से दूर रहते हुए शनिदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए।
बाकी राशि वालों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। सब अच्छा ही होगा।
गुरमीत बेदी
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