Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 May, 2019 09:38 AM
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नवग्रहों में शनि का विशेष महत्व है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शनि की शुभ और अशुभ स्थिति गहरा प्रभाव डालती है। 3 जून को शनि जयंती का पर्व यानी शनिदेव का जन्मोत्सव आ रहा है।
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नवग्रहों में शनि का विशेष महत्व है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शनि की शुभ और अशुभ स्थिति गहरा प्रभाव डालती है। 3 जून को शनि जयंती का पर्व यानी शनिदेव का जन्मोत्सव आ रहा है। इसके साथ-साथ सोमवती अमावस्या का भी शुभ योग बन रहा है। इस दिन जो लोग शनि की साढ़े साती, ढैय्या या शनि की महादशा से गुजर रहे हैं, उनके लिए शनिदेव को प्रसन्न करने का सुनहरा मौका है। ज्योतिष में मंगल को क्रूर और शनि को पाप ग्रह माना गया है। शनि मंगल का योग मंगलमय नहीं होता, इससे जीवन में अमंगल ही अमंगल होता है। शनि जयंती के शुभ अवसर पर अपनी राशि के मुताबिक मंगल व शनि को खुश करने के लिए करें ये उपाय-
मेष: अपने भाई को बिल्कुल नाराज न करें व अपने मकान की छत को साफ रखें।
वृष: रसोई घर में बैठ कर भोजन करें व देसी मिश्री गरीबों में बांटें, लोहे के बर्तन गरीबों में बांटें।
मिथुन: हनुमान जी को देसी मिश्री का भोग लगाएं व अपनी बीवी को खुश रखें तथा साथ ही शनि मंदिर जाएं।
कर्क : कोई नुक्सान पहुंचा सकता है। कुंडली से ही उपाय करें तथा चमड़े की कोई भी वस्तु न खरीदें।
सिंह : शनि विग्रह के समक्ष साबुत बादाम अर्पित करें तथा 11 किलो देसी घी के बने लड्डू का प्रसाद वितरित करें।
कन्या : मकान की नींव न खोदें, शराब, मांस, मछली का सेवन न करें तथा भोजन के साथ मीठा हलवा गरीबों, अंधों, कौड़ियों को खिलाएं।
तुला : भाई-बहन से झगड़ा न करें, छत पर जंग लगा सामान न रखें व मंदिर में भंडारा करें।
वृश्चिक : कौवों को आटे की गोलियां डालें व चीनी मंदिर में दान करें।
धनु : दाम्पत्य जीवन में त्रुटि आ रही है तो अवश्य जन्मकुंडली दिखाएं। हनुमान जी व शनिदेव जी की विधिपूर्वक पूजा करें।
मकर : शराब, मांस, मछली का सेवन बंद करें व बड़े भाई की सेवा करें।
कुंभ : शनिदेव के समक्ष साबुत बादाम अर्पित करें।
मीन : अंधों को भोजन के साथ देसी घी के बने लड्डू अवश्य खिलाएं जिससे शनिदेव की कृपा बरसेगी।