Shani Retrograde: शनि होने जा रहे वक्री, जानें कुंभ राशि का हाल

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 May, 2023 08:48 AM

आज बात करेंगे शनि वक्री के बारे में। शनि वक्री होने जा रहे हैं 17 जून से। 17 जून से 4 नवंबर तक लगभग 140 दिनों के लिए शनि वक्र अवस्था

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Shani Vakri 2023: आज बात करेंगे शनि वक्री के बारे में। शनि वक्री होने जा रहे हैं 17 जून से। 17 जून से 4 नवंबर तक लगभग 140 दिनों के लिए शनि वक्र अवस्था में रहेंगे। कई लोग इस बात को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं कि वक्री अवस्था क्या होती है ? शनि हर साल वक्री होते हैं। सूर्य और चंद्रमा वक्री नहीं हो सकते। इन्हीं दो ग्रहों के हिसाब से कैलेंडर बनते हैं। राहु और केतु हमेशा वक्री रहते हैं। बुध साल के 90 दिन के आसपास वक्री रहते हैं। वक्र अवस्था सामान्य तौर पर जून के महीने से ही शुरू होती है। जब सूर्य ग्रहण लग जाता है, ग्रहों की पोजीशन ऐसी होती है, वो सूर्य से दूर चले जाते हैं। तो निश्चित तौर पर आपको इसके फल देखने को मिलते हैं। तो आइए जानते हैं इस वक्री से कुम्भ राशि वालों के जीवन में क्या बदलाव आएगा ?

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Effect of Saturn retrograde on Aquarius शनि वक्री का कुम्भ राशि पर प्रभाव: कुम्भ राशि शनि की अपनी राशि है। शनिदेव इसी राशि से गोचर कर रहे हैं। जब चंद्रमा के ऊपर से गोचर होता है तो शनि की दूसरी ढैया होती है। ये शुभ गोचर में नहीं है। दूसरे भाव में शनि सबसे ज्यादा परेशान करते हैं। जब गोचर शुभ नहीं है तो शनिदेव की दृष्टि भी सही नहीं रहेगी। शनि चन्द्रमा के ऊपर से गुजरते हैं तो उसके बढ़िया परिणाम नहीं मिलते हैं। जब इसका चेष्टा बल बढ़ जाता है तो ज्यादा परेशानी बढ़ सकती है।
 
शनि बारहवें भाव के भी स्वामी हैं। बारहवां भाव शुभ भाव नहीं होता। यदि दशा या अंतर्दशा चल रही है तो शनि प्रबल तरीके से आपको परेशान कर सकते हैं। शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है तीसरे भाव के ऊपर यानि मेष राशि के ऊपर। भाई की सेहत को लेकर परेशानी हो सकती है। ये फैसले लेने की अवधि को भी उथल-पुथल कर सकता है। कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें। किसी रिश्तेदार की राय जरूर लें।

पार्टनर के साथ मन-मुटाव हो सकता है या फिर उसकी सेहत में परेशानी देखने को मिलेगी। शनि जब यहां पर बैठते हैं तो दसवीं दृष्टि के साथ कर्म स्थान को देखते हैं। काम करने में मन नहीं लगेगा। खर्चें भी बढ़ेंगे।

शनिदेव के बीज मंत्रों का जाप करें- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

इस मंत्र का जाप शनिवार की सुबह पहली होरा के साथ कीजिए। 25, 300 मंत्रों का जाप 27 दिन में खत्म करें अगर आप हवन नहीं कर सकते तो अपनी क्षमता के अनुसार दान करें ।

नरेश कुमार
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