Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Apr, 2019 11:58 AM
ज्योतिष में न्याय के कारक समझे जाते शनि देव आज मंगलवार प्रात: 6 बजे से वक्री हो गए हैं। शनि 18 सितम्बर तक वक्र अवस्था में रहेंगे। इस समय शनि धनु राशि में चल रहे हैं। शनि के वक्री होने का विभिन्न राशियों पर असर पड़ेगा लेकिन मोटे तौर पर शनि के
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जालन्धर (नरेश): ज्योतिष में न्याय के कारक समझे जाते शनि देव आज मंगलवार प्रात: 6 बजे से वक्री हो गए हैं। शनि 18 सितम्बर तक वक्र अवस्था में रहेंगे। इस समय शनि धनु राशि में चल रहे हैं। शनि के वक्री होने का विभिन्न राशियों पर असर पड़ेगा लेकिन मोटे तौर पर शनि के वक्री होने से कच्चे तेल की कीमतों, लोहे के व्यापार के साथ-साथ साफ्टवेयर क्षेत्र से जुड़े इंजीनियर, कबाडि़ए के कारोबार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि विभिन्न राशियों पर शनि का प्रभाव जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति पर निर्भर करेगा लेकिन धनु राशि में केतु के साथ बनी हुई शनि की युति के चलते धनु और मिथुन राशियों पर इसका खास प्रभाव देखने को मिलेगा।
मेष : नवम भाव में वक्री शनि यात्रा का योग बनाएगा। कारोबारी कारणों के चलते अपना वर्तमान स्थान छोडऩा पड़ सकता है। तीसरे भाव पर शनि की दृष्टि के चलते भाई-बहनों के साथ मतभेद हो सकते हैं।
वृषभ : आठवें भाव से वक्री शनि का गोचर इस राशि के जातकों के लिए शुभ है। छुपा धन मिल सकता है। रिसर्च के कार्य में जुटे छात्रों के लिए वक्री शनि का यह गोचर लाभकारी सिद्ध होगा।
मिथुन : सप्तम भाव में वक्री शनि मिले-जुले परिणाम देगा। मां की सेहत का ध्यान रखें। चौथे भाव पर वक्री शनि की दृष्टि मां को परेशान कर सकती है। हालांकि नवम भाव पर शनि की दृष्टि के चलते धार्मिक यात्रा का सुख भी मिलेगा।
कर्क : छठे भाव का वक्री शनि बीमारियों को दावत दे सकता है। खासतौर पर घुटनों से नीचे दर्द अथवा चमड़ी की समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि इस दौरान दुश्मनों की हर साजिश नाकाम होगी।
सिंह : पांचवें भाव में वक्री शनि प्रेम संबंधों को लेकर समस्या पैदा कर सकता है। हालांकि शेयर बाजार में निवेश फायदे का सौदा साबित हो सकता है। बच्चों की सेहत का ध्यान रखें। बच्चों की सेहत के लिहाज से पांचवें भाव का वक्री शनि शुभ नहीं है।
कन्या : चौथे भाव का वक्री शनि नौकरीपेशा लोगों के लिए शुभ है। हालांकि इस दौरान स्वास्थ्य की समस्या हो सकती है लेकिन कार्यस्थल पर मान-सम्मान बढ़ेगा और आने वाले दिनों में प्रोमोशन के भी आसार हैं।
तुला : विदेश यात्रा के योग हैं। चौथे भाव का मालिक शनि अपने घर से बारहवें घर में वक्रावस्था में है लिहाजा खर्चे बढ़ेंगे। खान-पान का ध्यान रखें। थोड़ी सी भी लापरवाही अस्पताल जाने को मजबूर कर सकती है।
वृश्चिक : इस राशि के जातकों के लिए वक्री शनि धन लाभ के लिहाज से शुभ है। हालांकि इस दौरान वाणी पर नियंत्रण रखें। नजदीकी लोगों के साथ मन-मुटाव हो सकता है। मनोकामनाओं की पूर्ति के योग हैं।
धनु : शनि इसी राशि में वक्री हो रहे हैं। भाई-बहनों और जीवन साथी के साथ संबंधों को लेकर सजगता से काम लें। हालांकि कारोबार के लिए शनि वक्री होना ठीक है।
मकर : इस राशि के जातकों के लिए विदेश यात्रा का योग है। हालांकि पहले से तेजी से चल रहे काम की गति में कमी आ सकती है। दुश्मन आपके सामने टिक नहीं पाएंगे।
कुंभ : ग्यारहवें भाव का वक्री शनि मनोकामनाओं की पूर्ति करेगा। अचानक धन लाभ हो सकता है। निवेश में फायदे के योग हैं। धार्मिक यात्रा पर जाने का कार्यक्रम भी बनेगा।
मीन : दसवें भाव में वक्र अवस्था में शनि कारोबारी लाभ दिलाने के साथ-साथ मां की सेहत के लिए भी शुभ साबित हो सकता है। इस दौरान खर्चे बढ़ेंगे, हवाई यात्रा के भी योग बन रहे हैं।
शनि देव 142 दिन तक धनु राशि में वक्री रहेंगे। शनि के वक्री होने से चाल धीमी हो जाती है। लिहाजा जिनकी कुंडली में शनि लग्र अथवा राशि का मालिक है उन जातकों को शनि का उपाय करना चाहिए। उड़द की दाल के साथ-साथ सरसों का तेल शनि शिला पर चढ़ाना शुभ माना गया है। कोई भी उपाय करने से पहले अपने ज्योतिषी की सलाह जरूर लें।
—राजिन्द्र बिट्टू, मिट्ठा बाजार, जालन्धर