Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Apr, 2018 12:21 PM
बुधवार,18 अप्रैल 2018 को सुबह शनि वक्री होने जा रहे हैं। गुरुवार, 6 सितंबर 2018 की शाम तक यह इसी अवस्था में रहेंगे। उसके बाद मार्गी हो जाएंगे। शनि का वक्री होना यानि उल्टी चाल चलना। मार्गी अवस्था में आने का अर्थ है सीधा चलना। अब 18 अप्रैल से शनि 142...
बुधवार,18 अप्रैल 2018 को सुबह शनि वक्री होने जा रहे हैं। गुरुवार, 6 सितंबर 2018 की शाम तक यह इसी अवस्था में रहेंगे। उसके बाद मार्गी हो जाएंगे। शनि का वक्री होना यानि उल्टी चाल चलना। मार्गी अवस्था में आने का अर्थ है सीधा चलना। अब 18 अप्रैल से शनि 142 दिनों तक उल्टी चाल चलेंगे। शनि के उल्टी चाल चलने से मौसम के मिजाज भी बदलेंगे। अकस्मात सर्दी और गर्मी का आना-जाना होगा। प्राकृतिक आपदाएं चरम पर रहेंगी। कोई अनहोनी होने का भी अंदेशा लगाया जा रहा है। राजनीति में अव्यवस्था भरा माहौल रहेगा। अराजकता जैसी स्थिती भी पैदा हो सकती है।
द्वादश राशियों पर भी विभिन्न प्रभाव रहेंगे। वर्तमान समय में वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है। वृषभ और कन्या पर ढैय्या चल रही है। इन 5 राशियों के जातको को सावधान रहने की जरूरत है। कारोबार में मंदी का दौर रहेगा, जिसके चलते आय में कमी होगी और व्यापारियों को चिंता सताएगी। प्रतिकूल स्थितियों के चलते पारिवारिक जीवन कलह से भर सकता है। शनि संबंधित उपाय और पूजन करें। कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे काले कपड़े न पहनें, वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतें, धन के लेन-देन में सर्तकता बरतें, बड़े निवेश करने से पहले विचार-विमर्श करें।
शनि की वक्री मार से बचने के लिए-
अपने कर्म सुधारें, अच्छा करेंगे तो कर्मफलदाता अच्छा फल देंगे।
शनिदेव का पूजन करें।
शनि चालीसा और शनि स्त्रोत का पाठ करें, अपनी क्षमता के अनुसार इस मंत्र का जाप करें ऊं शनिश्चराय नम: