7 अगस्त को बन रहा है शनि पूजा का विशेष संयोग!

Edited By Jyoti,Updated: 04 Aug, 2021 05:09 PM

shani worship on 7th august

7 अगस्त 2021 को शनि देव की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या से भी राहत मिलती है। इस समय न्याय के कारक माने जाने वाले शनि ग्रह अपनी

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7 अगस्त 2021 को शनि देव की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या से भी राहत मिलती है। इस समय न्याय के कारक माने जाने वाले शनि ग्रह अपनी ही मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। इस साल शनि देव का कोई राशि परिवर्तन भी नहीं है। शनि देव  इस साल सिर्फ नक्षत्र परिवर्तन करेंगे।  मौजूदा समय में शनि देव श्रवण नक्षत्र में विराजमान हैं। शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता कहा गया है। शनि व्यक्ति के कर्मों के आधार पर अच्छे और बुरे फल प्रदान करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि शनि देव के प्रकोप से बचना है तो गलत कार्यों से हमेशा दूरी बनाकर रखना चाहिए। क्योंकि शनि अपनी दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान परेशानियां पैदा करते हैं।

शनि देव की दृष्टि से कोई भी नहीं बच पाता है। यहां तक की स्वयं भगवान शिव को शनि की दृष्टि का शिकार होना पड़ा था। शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शनि देव ने कठोर तपस्या की थी। प्रसन्न होकर भगवान शिव ने शनि देव को सभी ग्रहों में न्यायाधीश बनाया था। शनि देव को वरदान प्राप्त है कि उनकी दृष्टि से मनुष्य और देवता भी नहीं बच सकते हैं। इसीलिए शनि देव सदैव अपनी दृष्टि को नीचे किए रहते हैं।

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। शनिदेव भोलेनाथ के परम भक्त हैं। इसलिए सावन में पड़ने वाले शनिवार के दिन पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन शनि देव से जुड़ी चीजों का दान भी करना चाहिए। 7 अगस्त  को शनिवार का दिन है। इस दिन शनि देव को शांत करने के लिए शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए।

जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है, या फिर शनि की महादशा या अंतर्दशा चल रही है और शनि कुंडली में शुभ स्थिति में नहीं है तो ऐसे लोगों को  7 अगस्त के दिन  शनि मंदिर में शनि देव के दर्शन कर पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही शनि चालीसा और शनि मंत्र का जाप करना चाहिए।

बता दें इस समय धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है जबकि मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है । साढ़ेसाती व शनि की ढैया के दौरान व्यक्ति को सेहत, धन, और व्यापार आदि से जुड़ी चीजों में कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।

शनि वर्तमान समय में वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। 11 अक्टूबर को शनि मार्गी होंगे। शनि जब वक्री यानि उल्टी चाल चलते हैं तो पीड़ित हो जाते हैं और शुभ फल प्रदान नहीं करते यानी उनके शुभ फलों में कमी आ जाती है।

ज्योतिष शास्त्र में शनि की गति बहुत धीमी मानी गई है। शनि एक राशि से दूसरी राशि, में जाने पर करीब ढ़ाई वर्ष का समय लेते हैं। इस दौरान व्यक्ति को दांपत्य जीवन, लव रिलेशनशिप और करियर आदि में  भी मुश्किलें पैदा करते हैं।

अगस्त को सावन के शनिवार के दिन शनि के उपाय करते हुए सरसों का तेल , काले तिल,  काला छाता,  काली उड़द की दाल और अनाज का दान करना चाहिए। इसके

साथ ही शनि चालीसा और शनि मंत्र – ॐ शम शनिश्चराय नमः का जाप करना चाहिए। इससे शनि शांत भी होंगे और प्रसन्न भी होंगे।

गुरमीत बेदी 
gurmitbedi@gmail.com

 

 

 

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