Edited By Jyoti,Updated: 16 Oct, 2021 03:09 PM
धार्मिक व वास्तु शास्त्र में शरद पूर्णिमा से जुड़ी कई खास बातों का वर्णन किया गया है। चूंकि शरद पूर्णिमा का त्यौहार देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसलिए धर्म ग्रंथों में इस दिन से जुड़ी लगभग बातें देवी लक्ष्मी के संदर्भ में बताई गई है।
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धार्मिक व वास्तु शास्त्र में शरद पूर्णिमा से जुड़ी कई खास बातों का वर्णन किया गया है। चूंकि शरद पूर्णिमा का त्यौहार देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसलिए धर्म ग्रंथों में इस दिन से जुड़ी लगभग बातें देवी लक्ष्मी के संदर्भ में बताई गई है। इस आर्टकिल में हम आज आपको वास्तु शास्त्र में बताई गई कुछ ऐसी ही बातों से रूबरू करवाने जा रहे हैं। तो आइए जानते उन कामों के बारे में जिन्हें शरद पूर्णिमा के दिन करने से माता लक्ष्मी नाराज़ होती हैं और धन-धान्य की समस्या होने लगती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा के दौरान किसी भी तरह से तामसिक रंगों का प्रतिनिधित्व करने वाले रंग जैसे काला, नीला या भूरा रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।
व्यक्ति को इस दिन पूजा करते समय इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि पूजा के दौरान उसका मुख उत्तर या पूरब दिशा की ओर रहे। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा को धन क्षेत्र माना जाता है, इसलिए इस दिशा में लक्ष्मी, गणेश तथा कुबेर की पूजा उत्तम होती है।
शरद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी धन का लेन-देन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन दिया गया धन वापस लौटकर मुश्किल से आता है। इस दिन कर्ज देने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और रिश्तों में भी कड़वाहट आ जाती है।
शरद पूर्णिमा का दिन माता लक्ष्मी की पूजा का दिन होता है। इस दिन भूलकर भी तामसिक भोजन खासतौर पर मांस-मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन अगर कोई सुहागन महिला घर पर आए तो उसको खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। सुहागन स्त्री का सत्कार करें और दान देकर ही घर से विदा करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह के समय दान करना चाहिए लेकिन भूलकर भी सांयकाल के समय किसी को दान नहीं देना चाहिए। खासतौर पर सरसों, हल्दी व जीरा तो बिल्कुल न दें। ऐसा करने से धन-धान्य की समस्या बन जाती है।
शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी का ध्यान करना चाहिए। इस दिन वाणी पर संयम रखना चाहिए और घर में सुख-शांति का वास रखना चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन सांयकाल के समय महिलाओं को बाल नहीं बनाना चाहिए, ऐसा करना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर की सुख-शांति में बाधा आती है।
गुरमीत बेदी
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