नवरात्रि 2021 : इन 9 दिनों में जाने-अनजाने में भी न करें ये काम, नहीं होगी अशुभ फलों की प्राप्ति

Edited By Jyoti,Updated: 09 Oct, 2021 03:55 PM

sharadiya navratri 2021

शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू हुए तीन दिन हो चुके हैं। इसके शुरू होते ही हर जगह जोरों-शोरों से माता के भक्त इनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं। परंतु अी माक्सर लोग इस दौरान न चाहते हुए भी

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शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू हुए तीन दिन हो चुके हैं। इसके शुरू होते ही हर जगह जोरों-शोरों से माता के भक्त इनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं। परंतु अी माक्सर लोग इस दौरान न चाहते हुए भी कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिन्हें करने से व्यक्ति देवी मां की कृपा प्राप्त नहीं कर पाता। ज्योतिष शास्त्र में नवरात्रि के नौ दिनों में की जाने वाली पूज आदि के ही बारे में नहीं बल्कि ऐसे कई कार्यों के बारे में वर्णन मिलता है, जिन्हें नवरात्रओं में किसी कीमत पर नहीं करना चाहिए। तो अगर आप न भी इस शारदीय नवरात्रि में मां को समर्पित नौ दिनों में व्रत करने का संकल्प किया है, तो बता दें इसके लिए आपको आगे बताई जाने वाली बातें जाननी चाहिए। 

आइए यहां जानते हैंं कि नवरात्रों के व्रत में किन कामों को जाने अनजाने में भी नहीं करना चाहिए-

नवरात्रों में मां की आराधना करने वाले व व्रत रखने वाले को इन दिनों मे दाढ़ी-ंमूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए।

इस दौरान नाखून काटना भी बेहद अशुभ माना गया है। 

नवरात्रों के दौरान जो लोग अपने घर अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं, उन्हें घर को बंद नहीं करना चाहिए, खासतौर पर पूजा घर के कपाट खुले रखें। इस दौरान कोशिश करनी चाहिए कि दौरान घर को कभी खाली न छोड़ें। 

नवरात्रि में मां के भक्तों को खाने में प्याज, लहसुन और खासतौर पर नान वेज का त्याग करना चाहिए। 

ध्यान रखें नवरात्रों में हर रोज़ साफ सुथरे धुले हुए कपड़े पहनें, जो व्यक्ति इस दौरान स्वच्छता का ध्यान नहीं रखता उसको मां का आशीर्वाद नहीं मिलता। 

नवरात्रि में खासतौर पर व्रती को चमड़ी जैसी वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

इस दौरान व्यक्ति किसी भी हालात में नींबू काटना नहीं चाहिए। इसके अतिरिक्त व्रती व्यक्ति को  खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।

विष्णु पुराण की मानें तो नवरात्रि समय काल में व्यक्ति के लिए दिन में सोना निषेध होता है।

व्रती को व्रत के दौरान फलाहार करते समय ध्यान रखना चाहिए कि वो ही एक जगह पर बैठर इन्हें ग्रहण करें। 

इसके अतिरिक्त इस दौरान चालीसा, मंत्र या सप्तशती पढ़ते हैं तो इस दौरान बीच में दूसरी बात बोलने या उठने की गलती कतई न करें। कहा जाता है इससे पाठ का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं।
 

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