Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Sep, 2022 11:58 AM
पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि पर्व के पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना साधक द्वारा की जाती है। नवदुर्गाओं में यह प्रथम दुर्गा हैं, जिन्हें पर्वतराज हिमालय के घर
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पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि पर्व के पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना साधक द्वारा की जाती है। नवदुर्गाओं में यह प्रथम दुर्गा हैं, जिन्हें पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने की वजह से शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। मां शैलपुत्री वृषभ पर सवार होती हैं इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल, बाएं हाथ में कमल पुष्प रहता है। शैलपुत्री देवी का विवाह भगवान शंकर के साथ हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार पूर्वजन्म में भी वो शिवजी की अद्र्धांगिनी थीं और उस समय उन्हें सती के नाम से जाना जाता था।
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झंडेवालान मंदिर में 170 सीसीटीवी रखेंगे नजर
प्राचीन ऐतिहासिक झंडेवाला देवी मंदिर में जहां प्रत्येक प्रवेश द्वार पर चरण पादुका स्टैंड बनें हैं। वहीं भक्तों के वाहन खड़े करने के लिये रानी झांसी मार्ग (पेट्रोल पम्प के पास) व फ्लैटिड फैक्ट्री परिसर में नि:शुल्क पार्किंग की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुऐ 170 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
कालकाजी मंदिर: दूर-दूर से आए जोत लेने
कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कालकाजी मंदिर के पूरे परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों व पुष्पों से सजाया गया है। दूर व दिल्ली-एनसीआर से आने वाले श्रद्धालु लगातार कालकाजी मंदिर में जलने वाली अखंड जोत से जोत ले जा रहे हैं।