Edited By Jyoti,Updated: 29 Sep, 2019 08:23 AM
आज से यानि 29 सितंबर दिन आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि दिन रविवार से देवी भगवती को समर्पित प्रमुख त्यौहार व पर्व शारदीय नवरात्र आंरभ हो गया है।
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आज से यानि 29 सितंबर दिन आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि दिन रविवार से देवी भगवती को समर्पित प्रमुख त्यौहार व पर्व शारदीय नवरात्र आंरभ हो गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान नवदुर्गा की यानि देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। इसके अलावा इन नौ दिनों में मां की कृपा पाने के लिए लोग अपने घरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ व अनय तरह के धार्मिक कार्यों का आयोजन करवाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि में कलश स्थापना आदि का सबसे अधिक महत्व है। कहा जाता है कि अगर इसे शुभ मुहूर्त के मद्देनज़र स्थापित किया जाए तो देवी की दौगुनी कृपा प्राप्त होती है।
तो आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त-
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त:
चंचल – प्रातः 7.48 से 9.18 तक
लाभ – प्रातः 9.18 से 10.47 तक
अमृत – प्रातः 10.47 से 12.17 तक
शुभ – दोपहर 13.47 से 15.16 तक
शाम को 18.15 से 19.46 तक शुभ है।
कलश स्थापना करते समय इस इस मंत्र का करें जाप
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥
हाथ में कुश और जल लेकर मंत्रोच्चारण कर खुद को और पूजन सामग्रियों को पवित्र करें। इसके बाद दाएं हाथ में अक्षत, फूल, जल, पान, सिक्का और सुपारी लेकर दुर्गा पूजन का संकल्प करना चाहिए।
चौघड़िया मुहूर्त में कलश स्थापना
अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरू होने वाले नौ दिन की पूजा में पहले दिन कलश स्थापना का महत्व होता है। घट स्थापना को सही मुहूर्त में ही किया जाना उत्तम माना जाता है।
यहां जानें इसका श्रेष्ठ समय:
लाभ-चौघड़िया- सुबह 09.18 से 10.48 तक।
अमृत- चौघड़िया- सुबह 10.48 से12.17 तक।
शुभ-चौघड़िया- 01.47 से 03.16 तक, शाम 06.16 से 07.46 तक।
अमृत चौघड़िया- रात्रि 07.46 से 09.16 तक।
अभिजीत-मुहूर्त- सुबह 11.53 से दोपहर 12.41 तक।