Edited By Jyoti,Updated: 16 Oct, 2020 12:36 PM
शारदीय नवरात्रि प्रांरभ होने में केवल कुछ घंटों की देरी है। जी हां, कल यानि 17 अक्टूबर दिन शनिवार से साल 2020 के शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। जिसकी साथ ही पूरे 9 दिन के लिए माता के भक्त उनकी भक्ती में लीन दिखाई देंगे। सनातन धर्म में इनकी पूजा का...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
शारदीय नवरात्रि प्रांरभ होने में केवल कुछ घंटों की देरी है। जी हां, कल यानि 17 अक्टूबर दिन शनिवार से साल 2020 के शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। जिसकी साथ ही पूरे 9 दिन के लिए माता के भक्त उनकी भक्ती में लीन दिखाई देंगे। सनातन धर्म में इनकी पूजा का अधिक महत्व है। और इसका महत्व अधिक बढ़ तब बढ़ जाता है जब शारदीय नवरात्रि या चैत्र नवरात्रि का पढ़ते हैं। यूं तो साल में कुल 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। परंतु इनमें विशेष चैत्र तथा शारदीय नवरात्रों को माना जाता है। अगर बात करें इस बार के शारदीय नवरात्रों की तो ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार के नवरात्रों पर लगभग 58 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है।, जिस दौरान शनि और गुरु ग्रर अपनी राशि में मौज़ूद रहेंगे। जी हां, बता दें शनि ग्रह की राशि मकर और गुरु की अपनी राशि धनु है। जिसे एक शुभ संयोग और संकेत माना जा रहा है। ऐसे में देवी दुर्गा की पूजा के लिए की जाने वाली कलश स्थापना अत्यंत शुभ होगी और लाभदायक भी। आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं इससे संबंधित अन्य जानकारी-
प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर पूरे नौ दिनों तक देवी दुर्गा के विभिन्न नौ रूपों की आराधना का महत्व है। धार्मिक शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि नवरात्रों में देवी भगवती के साथ-साथ उनके विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना से जातक को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इतना ही नहीं इनकी इसी कृपा के स्वरूप जातक को मनचाहा वरदान मिलता है। तो चलिए आपको बताते हैं साल 2020 के नौ दिन कौन-कौन सा शुभ संयोग बन रहा है।
प्रथम दिन रहेगा चित्रा नक्षत्र-
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस साल के शारदीय नवरात्रि के पहले दिन चित्रा नक्षत्र रहेगा। जबकि पूरे नवरात्रि में चार सर्वार्थसिद्धि योग, एक त्रिपुष्कर और चार रवि योग बनेंगे। इन शुभ संयोगों के अलावा आनंद, सौभाग्य और धृति योग भी बन रहा है। कहा जाता है ये शुभ संयोग जमीन में निवेश, खरीद और ब्रिकी के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं। यही कारण है कि इस दौरान ये सारे तमाम काम करने लाभदायक साबित हो सकते हैं।
17 अक्टूबर ( शनिवार) - सर्वार्थसिद्धि योग
18 अक्टूबर (रविवार) - त्रिपुष्कर और सर्वार्थसिद्धि योग
19 अक्टूबर (सोमवार) - सर्वार्थसिद्धि योग और रवि योग
20 अक्टूबर (मंगलवार) - सौभाग्य और शोभन योग
21 अक्टूबर (बुधवार) - रवियोग
22 अक्टूबर (गुरुवार) - सुकर्मा और प्रजापति योग
23 अक्टूबर (शुक्रवार) - धृति और आनंद योग
24 अक्टूबर (शनिवार) - सर्वार्थसिद्धि योग
25 अक्टूबर (रविवार) रवियोग
26 अक्टूबर (सोमवार) - रवियोग
इसके अलावा यहां जानें नवरात्रों में देवी मां को खुश करने के कुछ खास उपाय-
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक जातक को अपने जीवन में तमाम तरह की परेशानियों को खत्म करने के लिए सबसे आसान उपाय अपनाना चाहिए, जो है देवी दुर्गा के बीज मंत्रों का जप। जी हां, कहा जाता जो जातक नवरात्रि के दौरान पूरी श्रद्धा विश्वास से देवी के बीज मंत्रों का जप करता है उसकी मुसीबतें खुद ही कम हो जाती हैं।
मगर प्रत्येक जातक को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि देवी दुर्गा के प्रत्येक मंत्र का जप कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए, तभी कोई मंत्र सिद्ध होता है। तो वहीं शास्त्रीय मत ये है कि दुर्गा मंत्र रात्रि के समय अधिक असर दिखाते हैं, इसलिए संभव हो तो इनका जप रात्रि में ही करना चाहिए।
इसके अलावा नवरात्रों में देवी दुर्गा मंत्रों का जाप करते समय उन्हें ‘जपापुष्प’ का फूल अर्पित करें।
नवरात्रों में तथा इसके अलावा देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जितना हो सके, अपनी क्षमता अनुसार गरीब कन्याओं को भोजन कराएं तथा ज़रूरत अनुसार उनकी मदद करते रहें। इससे देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैँ।