Edited By Lata,Updated: 15 Jan, 2020 02:00 PM
हिंदू धर्म में हर एक व्रत व त्योहार महत्व रखता है। वहीं हर महीने में आने वाली एकादशी तिथि बहुत ही शुभ तिथि
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हिंदू धर्म में हर एक व्रत व त्योहार महत्व रखता है। वहीं हर महीने में आने वाली एकादशी तिथि बहुत ही शुभ तिथि माना गया है। कुछ लोग केवल शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ही व्रत का पालन करते हैं, लेकिन शास्त्रों में दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण बताया गया है। व्यक्ति को दोनों पक्षों की एकादशी तिथि का पालन करना चाहिए। आज हम बात करेंगे माघ महीने में आने वाली षटतिला एकादशी के बारे में।
माघ कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है, जोकि इस बार 20 जनवरी दिन सोमवार को मनाई जा रही है। शास्त्रों में इस एकादशी तिथि को बेहद महत्वपूर्ण तिथि माना गया है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है। इस दिन जगत के पालनहार विष्णु जी का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत का पालन किया जाता है। जैसे कि इस एकादशी के नाम से पता चल रहा है कि इस दिन तिल का विशेष महत्व होता है। आइए आगे जानते हैं इस एकादशी का क्या है महत्व।
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महत्व
पृथ्वी पर कर्म से ही हमारे पाप और पुण्य का लेखा-जोखा तैयार होता है। श्री कृष्ण ने कहा कि संसार में कोई भी जीव एक पल भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता है, इसलिए जाने अनजाने कभी न कभी हम सभी पाप कर्म कर बैठते हैं और पाप कर्मों से मुक्ति के लिए भी कर्म करना पड़ता है। शास्त्रों में कई ऐसे उपाय यानि कर्म बताए गये हैं जिनसे पाप कर्मों के प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है। ऐसा ही एक कर्म है माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत। इस एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। अपने नाम के अनुसार इस एकादशी में छः प्रकार से तिल का उपयोग करना श्रेष्ठ बताया गया है।
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षटतिला एकादशी के दिन काली गाय और तिल के दान का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, इस दिन व्यक्ति अगर तिल का प्रयोग 6 प्रकार से करे तो पाप कर्मों से मुक्त होकर हजारों वर्षों तक परलोक में सुख भोग प्राप्त करता है। इस दिन साधक को प्रात:काल स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और व्रत का पालन करना चाहिए।