Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Apr, 2020 06:31 AM
पुराणों के मतानुसार ब्रह्मा के मानस पुत्र प्रजापति दक्ष कश्मीर घाटी के हिमालय क्षेत्र में रहते थे। उनकी पुत्री सती ने अपने पिता की इच्छा के विरूद्ध भगवान शंकर से विवाह किया था। माता सती और भगवान शंकर के विवाह उपरांत राजा दक्ष ने एक विराट यज्ञ का...
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शिव पुराण के मतानुसार ब्रह्मा के मानस पुत्र प्रजापति दक्ष कश्मीर घाटी के हिमालय क्षेत्र में रहते थे। उनकी पुत्री सती ने अपने पिता की इच्छा के विरूद्ध भगवान शंकर से विवाह किया था। माता सती और भगवान शंकर के विवाह उपरांत राजा दक्ष ने एक विराट यज्ञ का आयोजन किया लेकिन उन्होंने अपने दामाद और पुत्री को यज्ञ में निमंत्रण नहीं भेजा।
फिर भी सती अपने पिता के यज्ञ में पहुंच गई। लेकिन दक्ष ने पुत्री के आने पर उपेक्षा का भाव प्रकट किया और शिव के विषय में सती के सामने ही अपमानजनक बातें कही। सती के लिए अपने पति के विषय में अपमानजनक बातें सुनना हृदय विदारक और घोर अपमानजनक था। यह सब वह बर्दाश्त नहीं कर पाई और इस अपमान को सहन न कर पाई उन्होंने वहीं यज्ञ कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए।
जब भगवान शिव को माता सती के प्राण त्यागने का ज्ञात हुआ तो उन्होंने क्रोध में आकर वीरभद्र को दक्ष का यज्ञ ध्वंस करने को भेजा। उसने दक्ष का सिर काट दिया। भगवान शिव दुखी होकर सती के शरीर को अपने कंधों पर धारण कर तांडव नृत्य करने लगे। पृथ्वी समेत तीनों लोकों को व्याकुल देख कर भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र द्वारा माता सती के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
देवी सती के शरीर के अंग और धारण किए हुए आभूषण जहां-जहां गिरे वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। देवी भागवत में 108 शक्तिपीठों का वर्णन आता है, तो देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का, देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों की चर्चा की गई है। वर्तमान में भी 51 शक्तिपीठ ही पाए जाते हैं। कुछ शक्तिपीठ पाकिस्तान, बांगलादेश और श्रीलंका में भी स्थित हैं।
संसार की प्रत्येक महिला को देवी सती की इस कथा से शिक्षा लेनी चाहिए की विवाह उपरांत
बिना निमंत्रण किसी के घर नहीं जाना चाहिए यहां तक की माता-पिता का घर भी शादी के उपरांत पराया हो जाता है।
पति की बात माननी चाहिए, उनकी अवहेलना न करें। यदि आपको लगे की पति जो कह रहे हैं वो ठीक नहीं है तो उनसे विचार-विमर्श करें उसके बाद दोनों मिल कर ही निर्णय लें। जो दोनों के हक में हो।
संसार के प्रत्येक जन को चाहिए की किसी भी महिला के समक्ष उसके पति की निंदा या चुगली नहीं करनी चाहिए।