Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jul, 2018 04:52 PM
21 जुलाई शनिवार को श्री भड्डली नवमी अथवा भडल्या नवमी तिथि है। जो भड़ली नवमी नाम से भी जानी जाती है और विशेष तौर पर उत्तर भारत में मनाई जाती है। इसे विवाह के लिए अक्षय तृतीया के समान ही
ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
21 जुलाई शनिवार को श्री भड्डली नवमी अथवा भडल्या नवमी तिथि है। जो भड़ली नवमी नाम से भी जानी जाती है और विशेष तौर पर उत्तर भारत में मनाई जाती है। इसे विवाह के लिए अक्षय तृतीया के समान ही अबूझ मुहूर्त मानते हैं। इस दिन शादी की जा सकती है। जिन लोगों के विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं निकलता उनका विवाह इस दिन किया जाए तो उनके वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होता।
इस दिन गुप्त नवरात्र का विश्राम भी हो रहा है इसलिए यह दिन अत्यधिक शुभ है। विवाह के लिए केवल आज का ही मुहूर्त शेष बचा है। इसके पश्चात शादी के लिए कोई भी मुहूर्त नहीं है। 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास आरंभ हो जाएगा। फिर 19 नवंबर को देव उठनी ग्यारस तक कोई भी शुभ काम नहीं किए जा सकते। चार महीने तक केवल प्रभु के भजन-कीर्तन पर बल दिया जाता है। इससे अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है।
23 जुलाई से देवशयनी एकादशी होने से देव सो जाएंगे और चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। चातुर्मास के 4 माह विवाह अौर अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते। 19 नवंबर को देव उठनी ग्यारस पर देवताओं के जागने पर चातुर्मास समाप्त होगा। देवों के जागने पर अबूझ मुहूर्त में लग्न कार्य, खरीदारी अौर अन्य शुभ काम शुरु होंगे।
Kundli Tv- इन राशियों के लोग दूसरों पर लुटाते हैं पैसा