Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Oct, 2021 12:40 PM
हिन्दू धर्म में सर्वाधिक प्रतिष्ठित व्रत कथाओं में भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप की ‘श्री सत्य नारायण व्रत कथा’ कलिकाल में विशेष रूप से फलदायी है। मृत्युलोक में एक बार भ्रमण करते हुए
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Shri Satyanarayan Vrat 2021: हिन्दू धर्म में सर्वाधिक प्रतिष्ठित व्रत कथाओं में भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप की ‘श्री सत्य नारायण व्रत कथा’ कलिकाल में विशेष रूप से फलदायी है। मृत्युलोक में एक बार भ्रमण करते हुए प्राणियों को अपने-अपने कर्मों के अनुसार तरह-तरह के दुखों से परेशान होते देख देवर्षि नारद का हृदय द्रवित हो उठा और वह इसका निवारण जानने के लिए वीणा वादन तथा कीर्तन करते हुए क्षीरसागर में अपने परम आराध्य भगवान श्री हरि की शरण में जा पहुंचे और बोले, ‘‘प्रभु मुझे मृत्युलोक के प्राणियों की व्यथा का हरण करने का कोई आसान एवं छोटा उपाय बतलाएं।’’
तब भगवान श्री हरि ने कहा,‘‘आज मैं तुम्हें ऐसा एक व्रत बतलाता हूं। काशी नगर के एक निर्धन ब्राह्मण को भिक्षावृत्ति करते देख भगवान विष्णु स्वयं एक बूढ़े ब्राह्मण के रूप में उस के पास जाकर बोलेे ‘हे विप्र, श्री सत्यनारायण भगवान मनवांछित फल देने वाले हैं, तुम श्रद्धापूर्वक उनके व्रत एवं पूजन किया करो तुम्हें इसका उत्तम फल प्राप्त होगा।’’
‘‘इस व्रत में उपवास का भी अपना महत्व है। उपवास के समय हृदय में धारणा होनी चाहिए कि श्री सत्यनारायण भगवान हमारे पास ही विराजमान हैं। अत: अंदर-बाहर शुचिता बनाए रखनी चाहिए और श्रद्धा एवं विश्वास पूर्वक भगवान का पूजन कर उनकी मंगलकारी कथा का श्रवण करना चाहिए। सायं काल में यह व्रत अधिक प्रशस्त माना जाता है।’’
Satyanarayan katha: श्री सत्यनारायण की कथा बताती है कि निर्धन-धनवान, राजा या रंक जिस किसी ने सत्य के प्रति आस्था रखी उन सबके कार्य सिद्ध हो गए। वे इस लोक में सुख भोग कर परलोक में मोक्ष के अधिकारी बन गए।