Edited By Lata,Updated: 16 Oct, 2019 04:28 PM
हमारे हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से ग्रंथ शामिल हैं, जिन्हें अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में उतार ले तो उसका जीवन सुधर सकता है।
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हमारे हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से ग्रंथ शामिल हैं, जिन्हें अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में उतार ले तो उसका जीवन सुधर सकता है। ऐसे ही कई ग्रंथ ऐसे भी हैं, जिसमें बताया गया है कि कौन से काम मनुष्य को अपने जीवन में करने चाहिए और कौन से नहीं। ऐसे ही शुक्रनीति एक ऐसा ग्रंथ हैं, जिसमें व्यक्ति की लाइफ को लेकर कई काम बताए गए हैं, जिन्हें करना तो दूर, जिनके बारे में सोचना भी गलत है।
श्लोक
कूटेन व्यवहारं तु वृत्तिलोपं न कस्यचित्त।
न कुर्याच्चिवन्तयेत् कस्य मनसाप्यहितं कव्चित्।।
शुक्र नीति के उपरोक्त श्लोक में आचार्य शुक्रदेव ने तीन ऐसे कामों के बारे में बताया है जिनके बारे में हमें सोचना भी नहीं चाहिए।
बुरा व्यवहार करना
ग्रंथों में हर किसी के साथ समान और प्रेम का व्यवहार करने की बात कही गई है। जो मनुष्य अमीर-गरीब, स्वास्थ-पीड़ित में भेद न करके सभी के लिए समान भावना रखता है और समान व्यवहार करता है, उस पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं और उसकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।
धन को नुकसान
कई लोगों का स्वभाव दूसरों की तरक्की से जलने वाला होता है। ऐसे लोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनके लिए सही-गलत के कोई मायने नहीं होते। जिन लोगों के मन में छल-कपट या जलन जैसी भावनाएं रहती हैं, उन्हें भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, ऐसी भावनाओं से दूर ही रहना चाहिए।
हिंसा करना
कई लोगों का स्वभाव हिंसक या बहुत ज्यादा गुस्से वाला होता है। ऐसे लोग किसी को भी नुकसान पहुंचाने से पहले एक बार भी नहीं सोचते। हिंसा करना सभी धर्मों में गलत माना जाता है और ऐसा कर्म करने वाले को जीवन में कभी भी सुख या उन्नति नहीं मिल सकती।