Edited By Jyoti,Updated: 20 May, 2021 06:28 PM
हिंदू पंचांग व धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक वर्ष वैसाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व व व्रत पड़ता है। बताया जाता है खासतौर पर इस दिन सुहागिनें महिला
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हिंदू पंचांग व धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक वर्ष वैसाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व व व्रत पड़ता है। बताया जाता है खासतौर पर इस दिन सुहागिनें महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। धार्मिक ग्रंथों आदि के अनुसार इस दिन माता सीता का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को सीता जयंती व सीता नवमी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा व्रत रखने से घर में सुख- शांति बनी रहती है। तथा व्रत के दौरान दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा अर्चना से भी जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। बता दें इस बार ये पर्व मई मास की 21 तारीख दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। तो आइए जानते हैं क्या है इस दिन शुभ मुहूर्त आदि-
सीता नवमी का शुभ मुहूर्त
सीता नवमी की शुरुआत – 20 मई 2021 को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से
सीता नवमी का समापन – 21 मई 11 बजकर10 मिनट पर होगा
इस बार सीता नवमी पर बन रहे हैं कई शुभ योग:
ज्योतिष शास्त्री बताते हैं कि इस बार सीता नवमी के खास योग बन रहे हैं। धार्मिक किंवदंती के अनुसार देवी सीता देवी लक्ष्मी का ही अवतार हैं। इस दिन देवी लक्ष्मी ही माता सीता के रूप में धरती पर अवतरित हुई थी। शास्त्र मत है कि इस दिन महिलाओं द्वारा व्रत आदि रखने व पूजा आदि करने से तीर्थयात्रा करने व दान-पुण्य करने के समान सा फल प्राप्त होता है।
पूजा विधि-
प्रातः स्नानादि करके व्रत का संकल्प करें।
घर में रखे गंगा जल से भगवान की मूर्ति को स्नान कराएं।
मंदिर या पूजा स्थल पर माता सीता और भगवान राम की विधिपूर्वक से पूजा करें तथा भोग लगाएं।
फिर इनके सामने दीपक प्रज्ज्वलित करें।
आखिर में भगवान श्री राम और माता सीता की आरती करके इन्हें लगाए गए भोग को प्रसाद के रूप में पहले अन्य लोगों में वितरित करें फिर खुद ग्रहण करें।