Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Apr, 2022 07:59 AM
देवी स्कन्दमाता का पूजन नवरात्रि के पांचवे दिन दुर्गा के पांचवे रूप में होता है। कमल पर विराजित इस देवी का नाम कुमार कार्तिक के एक नाम स्कन्द और उनकी माता होने से पड़ा। देवी चार भुजाओं वाली देवी
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Chaitra Navratri 5th Day: देवी स्कन्दमाता का पूजन नवरात्रि के पांचवे दिन दुर्गा के पांचवे रूप में होता है। कमल पर विराजित इस देवी का नाम कुमार कार्तिक के एक नाम स्कन्द और उनकी माता होने से पड़ा। देवी चार भुजाओं वाली देवी के एक हाथ में बाल रूप में स्कन्द दूसरे हाथ में कमल पुष्प, एक हाथ अभय मुद्रा में, दूसरा हाथ वर मुद्रा में उठा हुआ होता है। इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह की सवारी कर मां दुष्टों का संहार करती हैं। इनका ध्यान करने से साधक चेतना की और अग्रसर होने लगता है। माता का यह रूप सभी सुखों के साथ-साथ मोक्ष देने वाला है। देवी के स्वरूप की महिमा का गुणगान करने से सब प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति होती है। इस मंत्र का जाप करने से साधक इच्छित वर को पाता है।
Skandmata mantra मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
आज करें ये उपाय, मां स्कंदमाता करेंगी सभी इच्छाएं पूरी
देवी को शकरकंद का भोग लगाने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
लोबान और गूगल देवी के आगे जलाने से घर में नजर दोष व भय दोष दूर होता है।
जिन्हें संतान सम्बन्धी कष्ट है, वह लोग देवी को 11 केले चढ़ाकर मनोकामना बताएं।
देवी के चरणों में चंदन अर्पित करने से परलोक भी अच्छा हो जाता है और जातक के मोक्ष के द्वार खुलते हैं।
नीलम
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