Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Apr, 2018 10:21 AM
लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें प्रयासों का भी आनंद उठाना चाहिए। अगर लक्ष्य पूरा नहीं भी होता है तो भी उसे पाने के रोमांच में आप जिस तरह जिएंगे वही आपका आनंद होगा। सफलता से ज्यादा उसको पाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का महत्व है।
लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें प्रयासों का भी आनंद उठाना चाहिए। अगर लक्ष्य पूरा नहीं भी होता है तो भी उसे पाने के रोमांच में आप जिस तरह जिएंगे वही आपका आनंद होगा। सफलता से ज्यादा उसको पाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का महत्व है। हमारी बहुत सारी इच्छाएं और लक्ष्य होते हैं। हमेशा हमें वह सबकुछ नहीं मिलता है जो हम चाहते हैं। हममें से कुछ लोग एेसे होते है जिनको जो मिला, उससे खुश होते हैं,और कुछ हमेशा असंतुष्ट बने रहते हैं। कुछ लोग प्रयास करना नहीं छोड़ते और लगातार कोशिश करते रहते हैं। आपकी कोई इच्छा तभी निश्चित हो सकती है, यदि उसे पूरा करने के लिए जितना हो सके उतना प्रयास करो। मगर इस बात का ख्याल रहे कि आप लक्ष्य को पाने से ज्यादा प्रक्रिया का आनंद उठाओ।
ऐसे लोग होते हैं जो प्रयासों को विशेष महत्व नहीं देते और जब लक्ष्य पूरा हो जाए तभी उन्हें खुशी मिलती है। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं कि वे प्रयासों में इतनी जान झोंक देते हैं कि जब लक्ष्य पूरा होता है तो उनमें उसका उत्सव मनाने की ऊर्जा ही शेष नहीं रहती है। इसलिए अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते हुए रास्ते में आने वाले पड़ावों का पूरा लुत्फ उठाया जाए।
फुटबॉल खेलना एक आनंद की बात है और जीतना बिल्कुल अलग बात है। हमारी समस्या यह है कि हम आनंद को जीत के साथ जोड़ देते हैं। शास्त्रीय संगीत को गाने वाले अपनी कला में इतना डूब जाते हैं कि उन्हें बाकी सारी चीजों का आभास तक नहीं रहता। वे दर्शकों के बारे में भी नहीं सोचते हैं। उनका आनंद यही है कि वे अपनी कला को उत्कर्ष के साथ प्रस्तुत कर सकें। इसलिए अपने प्रयासों का आनंद उठाइए। सुनिश्चित कीजिए कि आप स्मार्ट तरीके से काम करेंगे। सिर्फ कड़ी मेहनत से ही काम नहीं बनता है।
असफलता तो जीवन का नियम है। हर स्पर्धा में यही नियम होता है कि एक पक्ष को तो हारना ही होता है। तो सफलता के पीछे भागने के बजाय क्यों न खेल का लुत्फ उठाया जाए। असल अनुशासन तो यही है कि आप सफलता और असफलता के विचार से ही मुक्त होकर नैसर्गिक ढंग से खेलें। किसी भी स्पर्धा में यह आपके काम ही आएगा।