Edited By Jyoti,Updated: 28 Jul, 2018 03:44 PM
वैसे तो भगवान शंकर के पूरे विश्वभर में बहुत से मंदिर आदि हैं, जिनकी अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं। सावन के महीने में इन मंदिरों में भोले शंकर के भक्तों की भीड़ रोज़ाना से ज्यादा देखने को मिलती है।
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वैसे तो भगवान शंकर के पूरे विश्वभर में बहुत से मंदिर आदि हैं, जिनकी अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं। सावन के महीने में इन मंदिरों में भोले शंकर के भक्तों की भीड़ रोज़ाना से ज्यादा देखने को मिलती है। शिव जी के मंदिरों में लोगों को पूजा करते तो देखा जाना आम बात है लेकिन सांपों को मंदिर में पूजा करते शायद ही किसी ने देखा-सुना होगा। जी हां सुनने में हैरान कर देने वाली यह बात सच है। उत्तरप्रदेश आगरा के पास स्थित गांव सलेमाबाद के एक प्राचीन शिव मंदिर में कोई पुजारी नहीं बल्कि नाग शिवलिंग की पूजा करते हैं। आईए जानते हैं इस मंदिर के बारे में-
आगरा के पास स्थित गांव सलेमाबाद के इस मंदिर में पुजारी नहीं, बल्कि एक सांप शिवलिंग की पूजा करता है। इस मंदिर की इन्हीं दिलचस्प बातों के कारण यहां शिवरात्रि और सावन पर कई टूरिस्ट माथा टेकने के लिए आते हैं। बिना शिवरात्रि के भी इस मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
इस प्राचीन मंदिर में शिव की पूजा करने के लिए एक नाग 15 वर्षों से रोज आता है। यह नाग रोज मंदिर में करीब 5 घंटे तक यहां पर रूकता है और भगवान की पूजा करता है। वैज्ञानिकों के लिए इस नाग के यहां आने का कारण अभी तक यहां जिज्ञासा का विषय बना हुआ है।
नाग इस मंदिर में करीब 10 बजे आता है और दोपहर 3 बजे तक लौट जाता है। लोग यहां पर इस मंदिर और नाग के दर्शन करने आते है। श्रद्धालुओं को इस सांप से कोई भय नहीं लगता और न ही इसने कभी किसी को नुकसान पहुंचाया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। इसी कारण श्रद्धालु शिवजी की पूजा करने के लिए यहां दूर-दूर से आते है।
वैसे तो इस मंदिर में नाग के प्रवेश के बाद द्वार बंद कर दिए जाते है लेकिन फिर भी नाग के दर्शन करने के लिए लोग मंदिर के बाहर खड़े रहते है। सांप के बाहर आने के बाद ही लोगों को शिवजी के दर्शन करने दिए जाते है। उससे पहले लोगों के द्वार बंद ही रहते है।
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