Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Feb, 2022 07:50 AM
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत को सर्वसुख प्रदान करने वाला बताया गया है। जो जातक इसको पूरे श्रद्धा भाव से करता है, उसका भगवान शिव अवश्य कल्याण करते हैं। यह व्रत माह में दो बार शुक्ल पक्ष और
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Som Pradosh Vrat 2022: हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत को सर्वसुख प्रदान करने वाला बताया गया है। जो जातक इसको पूरे श्रद्धा भाव से करता है, उसका भगवान शिव अवश्य कल्याण करते हैं। यह व्रत माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। आज 14 फरवरी, सोमवार को शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत है, जिसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा भी करते हैं। शास्त्रों की मान्यता के अनुसार 1 प्रदोष व्रत रखने से 2 गाय दान का पुण्य प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत के दिन बन रहे है अति शुभ योग: आज प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। सोम प्रदोष व्रत के दिन सिद्धि, रवि और आयुष्मान योग का शुभ संयोग बन रहा है। त्रयोदशी तिथि के दिन सिद्धि योग 11.53 मिनट से आरंभ होगा और 15 फरवरी को सुबह 7:00 बजे तक रहेगा। दूसरा रवि योग 14 फरवरी को सुबह 11.53 मिनट पर आरंभ होगा और 15 फरवरी को सुबह 7:00 बजे समाप्त होगा। वहीं तीसरा योग आयुष्मान योग है जो रात 9.29 बजे तक रहेगा।
Pradosh Vrat Puja vidhi: प्रदोष व्रत में शाम के समय भगवान शंकर की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को पूजा से पहले स्नान कर लाल या गुलाबी वस्त्र धारण करने चाहिए। फिर उसके बाद भगवान शिव को भांग, लाल चंदन, बेल पत्र और तांबे या चांदी के लोटे में शहद और शुद्ध जल भरकर अर्पित करना चाहिए। जल चढ़ाते हुए ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः मंत्र का 108 बार जाप भी किया जाता है। इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी शुभ माना जाता है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को स्वस्थ्य संबंधी हर सुख की प्राप्ति होती है।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥