Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Dec, 2019 07:29 AM
हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है। हिंदू पंचांग के अनुसार माह में ये व्रत दो दफा आता है। आज 9 दिसंबर, 2019 को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। जिन कुंवारों का विवाह नहीं हो रहा, बनती बात बिगड़ जाती है या
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हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है। हिंदू पंचांग के अनुसार माह में ये व्रत दो दफा आता है। आज 9 दिसंबर, 2019 को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। जिन कुंवारों का विवाह नहीं हो रहा, बनती बात बिगड़ जाती है या मनचाहे साथी को लाइफ में लाने के लिए घर वाले आना-कानी कर रहे हैं। उन्हें सूर्यास्त के बाद विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 9 दिसंबर की प्रातः 9:54 से होगा, जो 10 दिसंबर की प्रातः 10:44 तक रहेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:25 से रात 8:08 तक रहेगा। इस दौरान की गई शिव आराधना शुभ फल देगी।
प्रदोषकाल में करें ये काम
भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं, उसमें शक्कर की बजाय शहद मिलाएं।
शिव मंदिर जाकर भोले बाबा को डमरु भेंट करें।
देसी घी में कपूर मिलाकर दीपक से भगवान शिव की आरती करें।
10 दिसंबर की सुबह स्नान करने के बाद पारण करें।
पूजा विधि
त्रयोदशी की सुबह स्नान करने के बाद सोम प्रदोष व्रत का संकल्प लें। जल में कच्चा दूध मिलाकर भगवान शंकर का अभिषेक करें।
भगवान शंकर का अभिषेक कर शिवलिंग पर लाल चंदन का लेप लगाएं तथा स्वयं भी लाल चंदन का टीका लगाएं।
चावल, चांदी, दूध आदि सफेद वस्तुओं का दान करें।
शुक्ल पक्ष में सोमवार, पूर्णिमा अथवा सोम-पुष्य-नक्षत्र में घर के मुख्य दरवाजे की देहरी पर दोनों तरफ चांदी की कील लगाएं।
दोमुखी या सातमुखी रुद्राक्ष पहनें।
प्रेमी-प्रेमिका चांदी का कड़ा पहनें तथा एक-दूसरे के प्रति भरोसा एवं विश्वास जगाएं। अनैतिक कार्यों से यथासंभव बचें।
शिव चालीसा का नियमित पाठ करें।
ॐ नम: शिवाय की नित्य एक माला का जाप करें।
तीन सफेद फूल प्रति सोमवार एवं पूर्णिमा को कुएं में अथवा बहती नदी में प्रवाहित करें।