1400 सोने के कलश से जगमगाएगा सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, देखने लायक होगी भव्यता

Edited By Jyoti,Updated: 23 Dec, 2020 04:19 PM

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देश में भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, जिनमे में से एक है सोमनाथ मंदिर। खबरों के अनुसार इस पर 1400 कलशों को सोने से मढ़ने का काम किया जा रहा है।

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देश में भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, जिनमे में से एक है सोमनाथ मंदिर। खबरों के अनुसार इस पर 1400 कलशों को सोने से मढ़ने का काम किया जा रहा है। प्राप्त जनकारी के मुताबिक, कलशों को सोने से मढ़ने का काम साल 2021 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। सोमनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने करवाया था।
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सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी पीके लहरी ने बताया, 'हम सोमनाथ मंदिर के 1400 से अधिक 'कलशों' पर की सोने की परत चढ़ा रहे हैं। अब तक लगभग 500 लोगों ने इस पहल के लिए दान किया है।' सोमनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने करवाया था। मंदिर के वर्तमान भवन के पुनर्निमाण की शुरुआत आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया और फिर इसे 1995 में भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने राष्ट्र को समर्पित किया था। 
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ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, सोमनाथ मंदिर को इस्लामिक सम्राटों द्वारा 17 बार नष्ट किया गया, लेकिन हर बार इसका पुनर्निर्माण कराया गया। आपको बता दें कि साल 1024 में महमूद गजनवी ने यहां पर चढ़े सोने-चांदी तक के सभी आभूषणों को लूटा था और शिवलिंग को भी तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन नाकाम रहा था। इसके बाद साल 1300 में अलाउद्दीन की सेना ने भी शिवलिंग को खंडित किया। सोमनाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 155 फीट है और मंदिर के चारों तरफ विशाल आंगन है। मंदिर तीन भागों में विभाजित है- नाट्यमंडप, जगमोहन और गर्भगृह। मंदिर के बाहर वल्लभभाई पटेल, रानी अहिल्याबाई आदि की मूर्तियां भी लगी हैं। यहां तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है। इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है।
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ऋगवेद, स्कंदपुराण और महाभारत में भी इस मंदिर की महिमा का बखान है। सोम भगवान का स्थान यानी सोमनाथ मंदिर जहां आकर भगवान के साक्षात दर्शन की अनुभूति होती है। इसे हिंदू धर्म के उत्थान-पतन के इतिहास का प्रतीक माना जाता है। अत्यंत वैभवशाली सोमनाथ मंदिर को इतिहास में कई बार खंडित किया गया लेकिन बार-बार पुनर्निर्माण कर सोमनाथ के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश नाकाम हुई। अरब सागर के तट पर स्थित आदि ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ महादेव मंदिर की छटा ही निराली है। ये तीर्थ स्थान देश के प्राचीनतम तीर्थ स्थानों में से एक है। इतिहासकारों के मुताबिक, सोमनाथ मंदिर के समृद्ध और अत्यंत वैभवशाली होने की वजह से इस मंदिर को कई बार मुस्लिम आक्रमणकारियों और पुर्तगालियों द्धारा तोड़ा गया। साथ ही कई बार इसका पुनर्निर्माण भी हुआ है। वहीं महमूद गजनवी द्वारा इस मंदिर पर आक्रमण करना इतिहास में काफी चर्चित है।
 

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