Edited By Jyoti,Updated: 21 Mar, 2020 04:26 PM
हिंदू धर्म में रोज़ाना कोई न कोई त्यौहार पड़ता ही है। यही कारण है हर दिन किसी न किसी देवी-देवता की विधिवत पूजा की जाती है। शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है।
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हिंदू धर्म में रोज़ाना कोई न कोई त्यौहार पड़ता ही है। यही कारण है हर दिन किसी न किसी देवी-देवता की विधिवत पूजा की जाती है। शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इन्हें ये दिन समर्पित किया जाता है। यही कारण है कि इस दिन प्रत्येक व्यक्ति हनुमान जी को प्रसन्न करने में लगा रहता है। मान्यता है इस दिन जिस पर हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं उसके जीवन में पैसों से लेकर विवाह आदि जैसे कार्यों में आ रही बाधाएं भी खत्म हो जाती हैं। तो अगर आपके जीवन में ऐसी कोई परेशानी है और आप इनसे छुटकारा पाना चाहते हैं मगर यदि आपको इन्हें मनाने के उपाय नहीं पता तो चलिए हम आपकी इस समस्या का समाधान कर देते हैं और बताते हैं शनिवार के दिन किए जाने वाले ऐसे उपायों के बारे में जिन्हें करना आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं।
शनिवार या मंगलवार के दिन सुबह-शाम मनोकामना पूर्ति के लिए निम्न मंत्र का जप 108 बार हनुमान जी के सामने बैठकर जाप करें। इससे धन आगमन में आ रही मुसीबतों से छुटकारा मिलता है।
मंत्र
ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते।
हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
जीवन में चल रही तमाम समस्याओं से मुक्ति के लिए इस हनुमान मंत्र का लाल मूंगे की माला से 108 बार जाप करें।
मंत्र-
।। ॐ मारकाय नमः ।।
जिन लोगों के जीवन में रोज़गार, नौकरी, विवाह संबंधित समस्या हो उस जातक को लाल चंदन की माला नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। ध्यान रहे मंत्र जप के बाद गाय के घी का एक दीपक जलाकर अपने सामने रखें।
मंत्र-
।। ॐ पिंगाक्षाय नमः ।।
जिन लोगों के जीवन में मान-सम्मान और यश की कमी हो उन्हें शनिवार एवं मंगलवार की शाम को 6 बजे से लेकर 10 बजे के बीच निम्न मंत्र का 1,100 तुलसी या लाल मूंगे की माला से उच्चारण करना चाहिए।
मंत्र-
।। ॐ व्यापकाय नमः ।।
इन सबके अलावा नीचे दिए गए सिद्ध तांत्रिक मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जप 108 बार शनिवार एवं मंगलवार के दिन किया जाए तो जीवन के बड़े से बड़े संकट दूर हो जाते हैं।
ॐ तेजसे नम:।।
ॐ प्रसन्नात्मने नम:।।
ॐ शूराय नम:।।
ॐ शान्ताय नम:।।
ॐ मारुतात्मजाय नमः।।
ॐ हं हनुमते नम:।।