Kundli Tv- पितृ पक्ष में ज़रूर करें ये काम, पितर कभी नहीं होंगे नाराज़

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Sep, 2018 10:11 AM

special pitra paksh puja

शनिवार दिनांक 29.09.18 को आश्विन शुक्ल पंचमी पर पंचम का श्राद्ध मनाया जाएगा। इस श्राद्ध को कुंवारा पंचमी कहते हैं। इस दिन उन मृतक पितरों का श्राद्ध भी करते हैं, जो अविवाहित ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। अतः कुंवारे भाई, भतीजे, भांजे व पुत्र पितृ...

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शनिवार दिनांक 29.09.18 को आश्विन शुक्ल पंचमी पर पंचम का श्राद्ध मनाया जाएगा। इस श्राद्ध को कुंवारा पंचमी कहते हैं। इस दिन उन मृतक पितरों का श्राद्ध भी करते हैं, जो अविवाहित ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। अतः कुंवारे भाई, भतीजे, भांजे व पुत्र पितृ का श्राद्ध करने की शास्त्र आज्ञा है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार जो गृहस्थ पितृपक्ष में विधिवत पूजन कर ब्राह्मण भोज करवाते हैं, उनके घर लक्ष्मी-नारायण निवास करते हैं। पंचम तिथि का पार्वण श्राद्ध उन पूर्वजों के निमित किया जाता है जिनकी मृत्यु शुक्ल या कृष्ण पक्ष की पंचमी पर हुई हो। पूर्णा संज्ञक पंचमी तिथि के स्वामी नागराज वासुकी हैं। इस श्राद्ध में खट्टे पदार्थ का दान व उपयोग वर्जित है। पंचम के श्राद्धकर्म में पांच बटुक ब्राह्मणों को भोजन करवाने का मत है। इस श्राद्ध में कुंवारी कन्याओं को वस्त्र आदि भेंट किए जाते हैं। इस श्राद्ध में विष्णु के वासुकीनाथ स्वरूप का पूजन कर गीता के पंचम अध्याय का पाठ किया जाता है। पंचमी के श्राद्ध, पिंडदान व तर्पण से धन की कमी दूर होती है, सांसारिक सुख में वृद्धि होती है व चोरी- चकारी से मुक्ति मिलती है।

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पंचमी श्राद्ध विधि: घर की दक्षिण दिशा में दक्षिणमुखी होकर सफ़ेद कपड़ा बिछाकर पितृ यंत्र व पितृओं के चित्र स्थापित करें। जनेऊ (यज्ञोपवित) दाहिने कंधे से लेकर बाई तरफ करें। तिल के तेल का दीप करें। लोहबान से धूप करें, चंदन अर्पित करें, नीले सफ़ेद फूल चढ़ाएं, लौंग व मिश्री चढ़ाएं तथा तिल मिले मीठे चावल, नारियल की खीर, पूड़ी व सात्विक सब्जी का भोग लगाएं। इसके बाद विष्णु के वासुकीनाथ स्वरूप का स्मरण करते हुए तुलसी पत्र चढ़ाएं व भागवत गीता के पंचम अध्याय का पाठ करें। पितृ के निमित इस मंत्र का जाप करें। इसके श्राद्ध में चढ़े भोग में से पहले गाय, काले कुत्ते व कौए के लिए ग्रास अलग से निकालकर उन्हें खिलाएं। इसके बाद ब्राह्मण भोजन करवाकर यथायोग्य दक्षिणा दें। 

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स्पेशल मंत्र: ॐ वासुकी नाथाय नमः॥ 

पंचमी श्राद्ध मुहूर्त
सर्वोत्तम कुतुप मुहूर्त: दिन 11:47 से दिन 12:34 तक। 

श्रेष्ठ रौहिण मुहूर्त: दिन 12:34 से दिन 13:22 तक।

साध्य अपराह्न मुहूर्त: दिन 13:22 से शाम 15:43 तक।

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स्पेशल टोटके:
चोरी-चकारी से मुक्ति के लिए: पीपल के 12 पत्ते पितृओ पर चढ़ाकर जल प्रवाह करें।

धन की कमी दूर करने के लिए: पितृओ पर चढ़े चन्दन से तिजोरी पर तिलक करें।

सांसारिक सुख में वृद्धि के लिए: पितृओं के निमित सरसों के तेल का पंचमुखी दीपक करें।  

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उपाय चमत्कार: 
गुड हेल्थ के लिए: शिवालय में सरसों के तेल के पांच दीपक जलाएं। 

गुडलक के लिए: शिवालय में लोहबान से धूप करें। 

विवाद टालने के लिए: शिवालय में काले तिल चढ़ाकर जल प्रवाह करें।
 
नुकसान से बचने के लिए: शिवालय में बरगद के पत्तों की माला चढ़ाएं।

प्रोफेशनल सक्सेस के लिए: शिवालय में 11 सिक्के चढ़ाकर किसी मजदूर को दान करें।
 
एजुकेशन में सक्सेस के लिए: बरगद का पत्ता टेक्स्टबुक में रखें। 

बिज़नेस में सफलता के लिए: शिवालय में पांच नारियल चढ़ाएं।
 
पारिवारिक खुशहाली के लिए: शिवालय में लौंग कर्पूर से जलाकर आरती करें।

लव लाइफ में सक्सेस के लिए: शिवालय में 5 काली मिर्च के दाने चढ़ाकर जेब में रखें।
 
मैरिड लाइफ में सक्सेस के लिए: दंपत्ति शिवलिंग पर दूध व काले तिल चढ़ाएं।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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