Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Jun, 2020 11:40 AM
भारतीय वास्तुशास्त्र में दैनिक जीवन से संबंधित हर समस्या का समाधान मिल सकता है। आज इस लेख के माध्यम से पति-पत्नी के संबंधों से जुड़े कुछ नियमों के बारे में बताया जा रहा है। जो हैं तो
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Spouse relationship: भारतीय वास्तुशास्त्र में दैनिक जीवन से संबंधित हर समस्या का समाधान मिल सकता है। आज इस लेख के माध्यम से पति-पत्नी के संबंधों से जुड़े कुछ नियमों के बारे में बताया जा रहा है। जो हैं तो प्राकृतिक लेकिन गलत समय और स्थान पर बनाने से जीवन में अशुभता का संचार होता है। धर्म ग्रंथों में भी कहा गया है कि कुछ ऐसे स्थान होते हैं, जहां पति-पत्नी को संयम से काम लेते हुए एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। अगर वो इसका ध्यान नहीं रखेंगे तो उनसे धन की देवी नाराज हो जाएंगी।
हिंदू शास्त्रों में अग्नि को देव स्वरूप कहा गया है। अत: जहां भी अग्नि प्रज्जवलित हो वहां संबंध बनाने से बचना चाहिए।
अपने घर के अतिरिक्त किसी अन्य के घर में संबंध बनाने से दंपत्ति के रिश्ते में दरार आती है।
आपके घर में कोई व्यक्ति रोगग्रस्त हो, जीवनसाथी स्वस्थ न हो तो ऐसी स्थिती में पति-पत्नी दूरियां बनाकर रखें।
धार्मिक नदियों में स्नान के दौरान अथवा उनके पास जीवनसाथी के साथ दूरी बनाकर रखें अन्यथा रिश्ते में तनाव के साथ-साथ संबंध विच्छेद भी हो सकते हैं।
मंदिर परिसर में संभोग करने वाला महापापी होता है। उसे धोर पाप भुगतना पड़ता है। भविष्य में वो अपने साथी से बिछड़ भी सकता है और मरने के बाद नरक भी भुगतना पड़ता है।
जिन स्थानों पर कब्र बनी होती है वहां नकारात्मकता हावी रहती है। कब्र के आस-पास महिला-पुरूष का मिलन उनके रिश्ते को तबाह कर देता है।
ब्राह्मण, संत-महात्मा पास में निवास कर रहे हों या किसी कारणवश वहां अस्थायी रूप से आएं हों तो मर्यादा का पालन करें। जीवनसाथी से दूरी बनाकर रखें अन्यथा पाप का भागी बनना पड़ेगा।
ऐसी जगह जहां कोई गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हो अथवा कभी जकड़ा गया हो। ऐसी अपवित्र जगह पर जीवनसाथी के साथ शारीरिक निकटता नहीं बनानी चाहिए। रिश्ते में अपवित्रता आती है।