श्रीमद्भगवद्गीता: 'कर्मों' का विधान

Edited By Jyoti,Updated: 27 Mar, 2022 12:36 PM

srimad bhagavad gita gyan in hindi

अनुवाद एवं तात्पर्य: वेदों ने नियमित कर्मों का विधान है और ये वेद साक्षात श्री भगवान (परब्रह्म) से प्रकट हुए हैं। फलतः सर्वव्यापी ब्रह्मा

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

श्रीमद्भगवद्गीता
यथारूप
व्याख्याकार :
स्वामी प्रभुपाद
साक्षात स्पष्ट ज्ञान का उदाहरण भगवद्गीता

'कर्मों' का विधान

श्रीमद्भगवद्गीता श्लोक-
कर्म ब्रह्मोद्भवं विद्धि ब्रह्माक्षरसमुद्भवम्।
तस्मात्सर्वगंत ब्रह्म नित्यं यज्ञे प्रतिष्ठित्म्।।

PunjabKesari,  srimad bhagavad gita in hindi, Gita In Hindi, Gita Bhagavad In Hindi, Shri Krishna, Lord Krishna, Dharm, Punjab Kesari, Sri Madh Bhagavad Shaloka In hindi, गीता ज्ञान, Geeta Gyan, Lord Krishna, Sri Krishna, Arjun

अनुवाद एवं तात्पर्य: वेदों ने नियमित कर्मों का विधान है और ये वेद साक्षात श्री भगवान (परब्रह्म) से प्रकट हुए हैं। फलतः सर्वव्यापी ब्रह्मा यज्ञकर्मों में सदा स्थित रहता है। इस श्लोक में यज्ञार्थ कर्म अर्थात कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए क्रम की आवश्यकता को भली भांति विवेचित किया गया है। यदि हमें यज्ञ पुरुष विष्णु के परितोष के लिए कर्म करना है तो हमें भ्रम या दिव्य वेदों से कर्म की दिशा प्राप्त करनी होगी।

अतः सारे वेद कर्मा देश की संहिताएं हैं। वेदों के निर्देश के बिना किया गया कोई भी कर्म विकर्म या अवैध अथवा पापपूर्ण कर्म कहलाता है। अतः कर्मफल सोचने के लिए सदैव वेदों से निर्देश प्राप्त करना चाहिए। जिस प्रकार सामान्य जीवन में राज्य के निर्देश के अंतर्गत कार्य करना होता है, उसी प्रकार भगवान के महान राज्य निर्देशन में कार्य करना चाहिए। वेदों में ऐसे निर्देश भगवान के श्वास से प्रत्यक्ष प्रकट होते हैं।

PunjabKesari,  srimad bhagavad gita in hindi, Gita In Hindi, Gita Bhagavad In Hindi, Shri Krishna, Lord Krishna, Dharm, Punjab Kesari, Sri Madh Bhagavad Shaloka In hindi, गीता ज्ञान, Geeta Gyan, Lord Krishna, Sri Krishna, Arjun

ये स्मरण रखना चाहिए कि प्रकृति में सारे बद्ध, जीव, भौतिक, भोग के इच्छुक होते हैं। किंतु वैदिक आदेश इस प्रकार बनाए गए हैं कि मनुष्य अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सकता है और भगवान के पास लौट सकता है। बद्ध जीवों के लिए मुक्ति प्राप्त करने के लिए ये सुनहरा अवसर होता है।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!