Edited By Jyoti,Updated: 02 Jul, 2020 07:04 PM
जैसे कि सबा जानते हैं कोरोना के चलते इस बार जगन्नाथ यात्रा बहुत बदलावों के अंतर्गत संपन्न हुई।
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जैसे कि सबा जानते हैं कोरोना के चलते इस बार जगन्नाथ यात्रा बहुत बदलावों के अंतर्गत संपन्न हुई। जिसके अपडेट हम ने आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध करवाए। बीते दिन यानि बुधवार को आई रिपोर्टस के अनुसार भगवान जगन्नाथ और उनके दिव्य भाई-बहन के रथों के लौटने का उत्सव जिसे पंरपरा के अनुसार बहुड़ा यात्रा के नाम से जाना जाता है, कड़ी सुरक्षा एवं कर्फ्यू के बीच शुरू हुआ। बता दें पहली बार इस दौरान श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को नहीं मिला। बता दें कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह समुद्र तटीय तीर्थ नगरी बंद है।
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो प्रशासन ने लोगों से घरों पर रहकर ही टीवी आदि पर रहकर भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा के रथों के 12 वीं सदी के मंदिर लौटने की इस धार्मिक रस्म को देखने की अपील की है।
बता दें विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा इस साल 23 जून को शुरू हुई थी। इस बार यह श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बिना ही आयोजित की गई, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने 22 जून को सिर्फ पुरी में इसकी अनुमति तो दे दी थी लेकिन साथ में यह शर्त भी लगा दी कि इसमें सीमित संख्या में सेवादार शामिल होंगे और कोई भीड़ नहीं लगनी चाहिए।
भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन संग अपनी वार्षिक नौ दिनों की यात्रा श्री गुंडीचा मंदिर में संपन्न करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसा ये इनका जन्म स्थान है। बहुड़ा यात्रा के दौरान लकड़ी से बने रथों पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा तथा बलभद्र श्री मंदिर या श्री जगन्नाथ मंदिर लौट रहे हैं।