पुण्यतिथि विशेष: सत्य नारायण राजू से श्री सत्य साई बाबा बनने तक की कहानी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Apr, 2019 12:01 PM

story of satya sai baba

भारत संतों, महात्माओं, पीरों-फकीरों की भूमि है। इन्हीं में से एक हैं भगवान श्री सत्य साई बाबा। सत्य, धर्म, शांति, प्रेम एवं अहिंसा के संदेश वाहक सत्य साई बाबा का जन्म 23 नवम्बर, 1926 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव पुट्टपर्ती में माता ईश्वरम्मा...

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)

भारत संतों, महात्माओं, पीरों-फकीरों की भूमि है। इन्हीं में से एक हैं भगवान श्री सत्य साई बाबा। सत्य, धर्म, शांति, प्रेम एवं अहिंसा के संदेश वाहक सत्य साई बाबा का जन्म 23 नवम्बर, 1926 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव पुट्टपर्ती में माता ईश्वरम्मा की कोख से हुआ। जब सत्य नारायण राजू (बाबा का बचपन का नाम) का जन्म हुआ तो सारे घर में पड़े वाद्य यंत्र अपने आप बजने लगे। जिस पालने में शिशु को लिटाया गया था, उस पालने को एक नाग देवता ने अपने फन से झुलाया जिसे देख कर घर वाले आश्चर्यचकित रह गए।

PunjabKesari Story of Satya Sai Baba

14 वर्ष की आयु में श्री सत्य नारायण राजू ने अपने परिवार वालों को कहा कि वह शिरडी के साई बाबा हैं और मैंने उनकी मृत्यु के आठ वर्ष बाद सत्य नारायण के रूप में जन्म लिया है। अब मैं उनके शेष कार्यों को पूर्ण करूंगा। इतना कह कर उन्होंने अपना घर त्याग दिया और फिर घर नहीं लौटे। गांव में एक पेड़ के नीचे बैठ कर बाबा ने अपना जीवन व्यतीत करना प्रारंभ कर दिया।

वर्ष 1949 में पुट्टापर्ती गांव से लगभग एक मील दूर बाबा ने एक आश्रम का निर्माण करवाया। उन्होंने इसका डिजाइन स्वयं तैयार किया। 23 नवम्बर 1950  को 23वें जन्म दिवस पर इस आश्रम का उद्घाटन पूर्ण विधि-विधान से किया गया। यह आश्रम आज प्रशांति निलयम (शांति का घर) नाम से प्रसिद्ध है तथा विश्व का विशाल आध्यात्मिक, शैक्षणिक और सेवा का केंद्र है।
यहां हृदय रोगों से संबंधित एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल तथा एक विद्यालय है। यहां पर आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को आध्यात्मिक शिक्षा भी दी जाती है।

PunjabKesari

सत्य साई सेवा संगठन के नाम से सम्पूर्ण विश्व में श्री सत्य साई बाबा का मानव धर्म फैला हुआ है। बच्चों को अपनी महान भारतीय संस्कृति का ज्ञान तथा नैतिक शिक्षा देने के लिए देश भर में प्रत्येक रविवार को बाल विकास की कक्षाएं लगाई जाती हैं।बाबा सदैव व्यक्तित्व निर्माण पर अधिक बल देते थे। वह कहते थे कि सत्य कभी मर नहीं सकता और असत्य कभी जीवित नहीं रहता। धर्म की शक्ति सत्य है जो आणविक शक्ति से अधिक शक्तिशाली है। शांति बाहर नहीं तुम्हारे भीतर ही है उसे ढूंढो। वह कहते थे कि अहिंसा वही है जो तुम अपने लिए चाहते हो, वही दूसरों के प्रति करो।

विश्व भर में श्री सत्य साई सेवा संगठन बाबा के मिशन को आगे बढ़ा रहा है। पंजाब में 52 सत्य साई सेवा समितियां स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं तथा पंजाब के 25 सिविल अस्पतालों में सेवा दे रही हैं। जालंधर स्थित समिति 250 इनडोर रोगियों को नाश्ता और दोपहर का भोजन देने के अलावा मुफ्त दवाएं दे रही है। समिति ने लुधियाना स्थित गांव नूरपुर बेट को गोद लिया है और वहां हर बुधवार और रविवार को दो मैडीकल कैम्प लगाए जाते हैं। गुरदासपुर में 25 वर्षों से कृत्रिम अंग लगाने का कैम्प लगाया जा रहा है। इसके अलावा समिति द्वारा अनेक स्कूलों का संचालन करके बाबा के प्रेम और अहिंसा का संदेश फैलाया जा रहा है।

PunjabKesari

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!