Edited By Lata,Updated: 09 Jan, 2020 10:43 AM
सुभाष चंद्र बोस ने जब आई.सी.एस. का पद ठुकरा दिया तो उनके पिता बहुत नाराज हुए। उन्हें इसकी वजह
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सुभाष चंद्र बोस ने जब आई.सी.एस. का पद ठुकरा दिया तो उनके पिता बहुत नाराज हुए। उन्हें इसकी वजह समझ में नहीं आ रही थी। पिता की हालत देखकर उनके बड़े भाई शरत चंद्र बोस ने सुभाष को एक खत लिखा और बताया कि उनके पिता इस फैसले से बहुत नाराज हैं। पत्र पढ़कर सुभाष असमंजस में पड़ गए। लौटती डाक से उन्होंने बड़े भाई को लिखा, ''इंगलैंड के राजा के लिए वफादारी की कसम खाना मेरे लिए मुश्किल था। मैं खुद को देश सेवा में लगाना चाहता था। मैं देश के लिए कठिनाइयां झेलने को तैयार हूं, यहां तक कि अभाव, गरीबी और माता-पिता की नाखुशी तक सहने को तैयार हूं। पत्र पढ़कर शरत चंद्र समझ गए कि सुभाष पर दबाव डालना बेकार है। फिर उन्होंने सुभाष को एक और खत लिखा, ''पिता रात-रात भर सोते नहीं हैं। तुम्हारे भारत लौटते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वह ब्रिटिश राज के निशाने पर हैं। भारत सरकार उन्हें स्वतंत्र नहीं रहने देगी।
सुभाष चंद्र बोस के मित्र दिलीप राय ने जब यह पढ़ा तो वह बोले, ''सुभाष, अब तुम क्या करोगे? अभी भी वक्त है। तुम चाहो तो इस्तीफा वापस ले सकते हो?
यह सुनकर सुभाष गुस्से से लाल हो गए। वह बोले, ''तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो? दिलीप राय ने शांत स्वर में कहा, ''इसलिए, क्योंकि तुम्हारे पिता बीमार हैं। मित्र की बात काटकर सुभाष बोले, ''मैं जानता हूं, पर अगर हम अपने परिवार की प्रसन्नता के आधार पर अपने आदर्शों को निर्धारित करते हैं तो क्या ऐसे आदर्श वास्तव में आदर्श होंगे? सुभाष चंद्र बोस की यह बात सुनकर दिलीप राय उन्हें देखते रह गए।