Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 May, 2019 11:12 AM
आज 25 मई, शनिवार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। सारे जग को अपनी किरणों से प्रकाश देने वाले सूर्य देव रात को कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं। 8 जून की शाम तक
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आज 25 मई, शनिवार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। सारे जग को अपनी किरणों से प्रकाश देने वाले सूर्य देव रात को कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं। 8 जून की शाम तक सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में ही रहने वाले हैं। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार करीब-करीब हर 15 दिन बाद सूर्यदेव एक नक्षत्र से दूसरे नक्षत्र में गोचर करते हैं। कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनमें वो एक-एक करके गोचर करते रहते हैं। इस गोचर का प्रभाव भिन्न-भिन्न नामाक्षर और नक्षत्र वाले जातको की लाइफ पर अपना प्रभाव छोड़ता है। 8 जून तक आपके साथ क्या सकारात्मक और नकारात्मक हो सकता है, हम आपको इसकी जानकारी देंगे। इसके साथ-साथ नेगेटिव परिस्थितियों को कुछ खास उपाय करके कैसे पॉजिटिव किया जा सकता है आइए जानें-
रोहिणी, मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्र में पैदा हुए जातक- जिनका जन्म रोहिणी, मृगशिरा या आर्द्रा नक्षत्र में हुआ है। उनका नामाक्षर अ, व, क, घ या छ बनता है। ये है उनके लिए-
उपाय- सुबह उठकर सबसे पहले सारे घर के खिड़की-दरवाजे खोल दें ताकि सूर्य की किरणों का प्रकाश आपके सारे घर में फैल सके। हर रोज़ ऐसा करने से सूर्य संबंधी जितने भी विकार हैं, आपको उनसे राहत मिलेगी और सूर्यदेव की कृपा बनी रहेगी।
जहां भी धर्म-कर्म के काम हो रहे हों, वहां बढ़-चढ़ कर अपना सहयोग दें।
ध्यान रखें- 8 जून तक कोई भी गृह निर्माण से संबंधित काम न करें।
इलेक्ट्रिक्ल और आग से जुड़ी वस्तुओं को संभलकर यूज करें। कोई अनहोनी हो सकती है।
पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा या मघा नक्षत्र में पैदा हुए जातक- जिनका जन्म पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा या मघा नक्षत्र में हुआ है। जन्मपत्रिका के अनुसार उनका नाम ह, ड या म अक्षर से शुरू होता है। 8 जून तक उनका मूड उचाट रहेगा। किसी काम में मन नहीं लगेगा। स्वभाव में बिना किसी वजह के उदासी बनी रहेगी।
उपाय- इस नेगेटिव रवैये से ऊबरने के लिए रात को सोने से पहले अपने पिलो के पास पांच बादाम रखकर सोएं। सुबह शुद्ध होकर बादाम उठाएं और किसी भी धार्मिक स्थान पर दान कर दें।
पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त या चित्रा नक्षत्र में पैदा हुए जातक- जब आपका जन्म हुआ था यदि उस वक्त पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त या चित्रा नक्षत्र था। तो आपके नाम का पहला लेटर ट, प, ठ या र से शुरु होना चाहिए। 8 जून तक आपकी लाइफ बहुत अच्छी रहने वाली है।
उपाय- किसी भी धार्मिक स्थान पर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ दान करते रहें।
ध्यान रखें- जितना हो सके घर में पीतल के बर्तनों का यूज करें।
स्वाती, विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में पैदा हुए जातक- जब आपका जन्म हुआ था, यदि उस समय चन्द्रमा स्वाती, विशाखा या अनुराधा नक्षत्र में था और आपके नाम का पहला अक्षर र, त या न है तो आपके लिए धन के देवता कुबेर अपने खजाने का द्वार खोलने वाले हैं।
ध्यान रखें- कोई भी इंपोर्टेंट काम करने से पहले कुछ मीठा खाएं फिर पानी पीएं।
ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा या उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए जातक- यदि आप ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा या उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पैदा हुए हैं और आपका नाम न, य, भ, ध, फ या ज अक्षर से आरंभ होता है। ऐसे लोग प्रसन्न हो जाएं क्योंकि 8 जून तक उन्हें हर काम में शुभ लाभ होने वाला है।
उपाय- किसी भी धार्मिक स्थान पर गुड़ का दान करें ।
श्रवण, धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में पैदा हुए जातक- आपका जन्म नक्षत्र श्रवण, धनिष्ठा अथवा शतभिषा है और आपका नाम ख, ग या स अक्षर से स्ट्राट होता है तो आपके घर के हैड यानी मुख्य सदस्य टेंशन में रह सकते हैं। यदि आप खुद ही घर के मुखिया हैं तो अपना थोड़ा ध्यान रखें।
ध्यान रखें- 8 जून तक सावधान रहें।
उपाय- किसी जरुरतमंद भूखे को प्रेम से भोजन करवाएं।
पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती या अश्विनी नक्षत्र में पैदा हुए जातक- यदि आप पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती या अश्विनी नक्षत्र में
पैदा हुए हैं और आपके नाम का पहला अक्षर स, द, थ या च से शुरु होता है, तो 8 जून तक अपनी चादर देखकर अपने पैर पसारें।
उपाय- 8 जून तक प्रात: जल्दी उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य देकर तीन बार परिक्रमा करें।
भरणी या कृतिका नक्षत्र में पैदा हुए जातक- भरणी या कृतिका नक्षत्र में पैदा हुए लोग और जिनका नाम ल, अ, ई, उ या ए अक्षर से शुरू होता है। ये है उनके लिए-
ध्यान रखें- हेल्थ को लेकर समस्याएं हो सकती हैं।
उपाय- मंदिर में नारियल या उससे बनी कोई भी वस्तु दान करें।