Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Feb, 2020 09:23 AM
ताजमहल का दीदार करने वालों की संख्या में कमी आई है। पिछले वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में 10 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटक कम आए। इसके पीछे नागरिकता संशोधन कानून और राम मंदिर
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ताजमहल का दीदार करने वालों की संख्या में कमी आई है। पिछले वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में 10 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटक कम आए। इसके पीछे नागरिकता संशोधन कानून और राम मंदिर पर आए फैसले को लेकर तनाव को माना जा रहा है। वहीं अमरीका और ईरान के बीच तनाव से एक साल में सवा लाख से ज्यादा सैलानी कम हो गए। पिछले 9 साल में यह सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इससे समूचे पर्यटन उद्योग पर इसका असर पड़ा है।
वर्ष 2019 में 49,45,836 भारतीय सैलानियों ने ताजमहल का दीदार किया जबकि वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 59,78,445 था। यही हाल विदेशी सैलानियों का रहा। वर्ष 2019 में 9,68,722 सैलानियों ने ताज निहारा, जबकि 2018 में 8,49,542 पर्यटक ताजमहल देखने आए। एक साल में 11 लाख से ज्यादा देशी-विदेशी सैलानियों का कम होना पर्यटन उद्योग के लिए चिंता की बात है। इससे समूचे पर्यटन जगत में हलचल मची हुई है। पर्यटक कम होने से होटलों से लेकर एंपोरियम, ट्रैवल एजैंसियों तक पर भी विपरीत असर पड़ा है।
पर्यटन उद्योग को हुआ खासा नुक्सान
पर्यटकों की संख्या कम होने का सीधा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। होटलों को 30 फीसदी का नुक्सान हुआ है। राजस्व के लिहाज से देखें तो लगभग 375 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। एंपोरियमों का 8 से 900 करोड़ रुपए कम की बिक्री हुई है। ट्रैवल एजैंसियों को भी काफी नुक्सान हुआ है।