Edited By Jyoti,Updated: 29 Sep, 2018 06:16 PM
सूर्य देव को ज्योतिष और हिंदू शास्त्रों में बहुत मह्तव प्रदान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य देव सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इनके वाहन रथ को सात घोड़े खींचते हैं, जो सात चक्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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सूर्य देव को ज्योतिष और हिंदू शास्त्रों में बहुत मह्तव प्रदान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य देव सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इनके वाहन रथ को सात घोड़े खींचते हैं, जो सात चक्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सूर्य को वैष्णव द्वारा सूर्य नारायण कहा जाता है। धर्मशास्त्र में सूर्य को शिव के आठ रूपों में से एक कहा जाता है, जिसका नाम अष्टमूर्ति है।
उन्हें सत्व गुण का माना जाता है और वे आत्मा, राजा, ऊंचे व्यक्तियों या पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य की अधिक प्रसिद्ध संततियों में हैं शनि, यम, और कर्ण।
माना जाता है कि गायत्री मंत्र या आदित्य हृदय मंत्र का जप भगवान सूर्य को प्रसन्न करता है।
माना जाता है कि सूर्य के साथ जुड़ा अन्न गेहूं है।
इससिए अगर किसी की कुंडली में सूर्य ग्रह से संबंधित दोष हो तो भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके साथ ही ॐ नमो भगवते नारायणाय मंत्र का 1 माला लाल चंदन की माला से जाप करें।
इसके अलावा इन मंत्रों का जाप करें-
सूर्यदेव का मंत्र :
ऊं नमो भगवते श्रीमते पद्मप्रभु तीर्थंकराय कुसुम यक्ष मनोवेगा यक्षी सहिताय ऊं आं क्रों ह्रीं ह्र:||
आदित्य मंत्र
महाग्रह मम कुटुंबस्य सर्व दुष्टग्रह, रोग कष्ट निवारणं कुरू कुरू सर्व शान्तिं कुरू कुरू।
सर्व समृद्धं कुरू कुरू इष्ट संपदां कुरू कुरू अनिष्ट निवारणं कुरू कुरू।
धन धान्य समृद्धिं कुरू कुरू काम मांगल्योत्सवं कुरू कुरू हूं फट्।।
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