Surya Grahan 2021: कल लगेगा इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Dec, 2021 08:44 AM

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4 दिसंबर 2021 को लगने वाला है इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण। इस बार ज्योतिष की दृष्टि से ये बहुत खास रहने वाला है। यह ग्रहण बड़ी ज्योतिषीय हलचल का साक्षी बनेगा। वैसे भी चंद्र ग्रहण से ठीक 15 दिन बाद सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।

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Surya Grahan 2021: 4 दिसंबर 2021 को लगने वाला है इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण। इस बार ज्योतिष की दृष्टि से ये बहुत खास रहने वाला है। यह ग्रहण बड़ी ज्योतिषीय हलचल का साक्षी बनेगा। वैसे भी चंद्र ग्रहण से ठीक 15 दिन बाद सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।19 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगा था और 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस ग्रहण को विशेष माना जा रहा है। ज्योतिष में 15 दिन की अवधि के बीच दो ग्रहण की स्थिति को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए धन, सेहत और करियर के मामले में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस साल का यह दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले 10 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है और अब 4 दिसम्बर को यह इस साल का दूसरा व आखिरी सूर्य ग्रहण होगा।

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4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण के दिन शनिवार भी होगा। शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। वर्तमान समय में शनि देव मकर राशि में गोचर कर रह हैं। शनि देव का वर्ष 2021 में कोई भी राशि परिवर्तन नहीं हुआ। सूर्य ग्रहण के दिन मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। ये ग्रहण 4 दिसंबर की सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा। जो उसी दिन दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा। इस दौरान सूर्य ग्रहण में सूतक काल लागू नहीं होगा क्योंकि इस ग्रहण को आप भारत में नहीं दिख पाएंगे।

सूर्य ग्रहण के दिन वृश्चिक राशि में चार ग्रह एक साथ गोचर करेंगे। वृश्चिक राशि में इस दिन पाप ग्रह केतु, चंद्रमा, सूर्य और बुध ग्रह मौजूद रहेंगे। इस दौरान 2 ग्रह अस्त रहेंगे और 2 ग्रह वक्री अवस्था में होंगे। इस दिन बुध और सूर्य से बुधादित्य योग भी बनेगा लेकिन केतु और चंद्रमा से ग्रहण के योग भी बनने जा रहे हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि वालों को खास तौर पर सावधान रहना होगा क्योंकि इसी राशि पर ग्रहण लगने जा रहा है। वृश्चिक राशि चंद्रमा की नीच राशि भी है।

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4 दिसंबर को लगने जा रहे सूर्य ग्रहण का ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोगों व खगोल विज्ञानियों को बड़ी शिद्दत से इंतजार है। सूर्य को ग्रहों का अधिपति भी कहा जाता है। सूर्य सभी ग्रहों में एक राजा की हैसियत रखते हैं। यही कारण है कि सूर्य ग्रहण की घटना को ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है। अगर हम विज्ञान की दृष्टि से बात करें तो जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चांद पृथ्वी की। कभी-कभी चांद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह घटना सदा सर्वदा अमावस्या को ही होती है।

अब 4 दिसंबर को जब अमावस्या के दिन आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा तो इस दिन चंद्रमा और बुध ग्रह अस्त रहेंगे। जबकि राहु और केतु अपने स्वभाव के अनुसार वक्री रहेंगे। इस दिन राहु वृष राशि में, मंगल तुला राशि में, शुक्र धनु राशि में, शनि अपनी मकर राशि में और देव गुरु बृहस्पति कुंभ राशि में गोचर कर रहे होंगे जबकि वृश्चिक राशि में केतु, चंद्रमा, बुध और सूर्य ये चार ग्रह एक साथ होंगे। सूर्य ग्रहण के ठीक एक दिन बाद यानि 05 दिसंबर 2021 को मंगल ग्रह का वृश्चिक राशि में गोचर होगा। मंगल का राशि परिवर्तन देखने को मिलेगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है तो मेष से मीन राशि तक इसका प्रभाव देखने को मिलता है। इसके साथ ही देश-दुनिया पर भी ग्रहण का प्रभाव पड़ता है। पौराणिक ग्रंथ सिद्धांत शिरोमणि में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के फलों के बारे में बताया गया है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव शीध्र और तीव्र होता है इसीलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

गुरमीत बेदी 
gurmitbedi@gmail.com

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