Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Dec, 2018 05:03 PM
नवग्रहों के राजा सूर्य देव की उपासना वैदिक युग से होती आ रही है। सरकारी नौकरी, यश, पद-प्रतिष्ठा, पदोन्नति के लिए तो इनकी अराधना बहुत जल्दी शुभ फल देती है। सनातन ऋषियों ने उदय होते हुए सूर्य को ईश्वर के रूप में स्वीकारते हुए सूर्योपासना करने के लिए...
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नवग्रहों के राजा सूर्य देव की उपासना वैदिक युग से होती आ रही है। सरकारी नौकरी, यश, पद-प्रतिष्ठा, पदोन्नति के लिए तो इनकी अराधना बहुत जल्दी शुभ फल देती है। सनातन ऋषियों ने उदय होते हुए सूर्य को ईश्वर के रूप में स्वीकारते हुए सूर्योपासना करने के लिए कहा है। हर रोज सुबह सूर्य देवता की पूजा-अर्चना करते समय जल अर्पित करना चाहिए। धरती के महत्वपूर्ण आधार हैं-सूर्य देवता। सूर्य की किरणों को लेने से शरीर और मन में स्फूर्ति आती है। नियमित सूर्य को अर्ध्य देने से खुशियों में वृद्धि होती है। बल, तेज, पराक्रम, यश एवं उत्साह बढ़ता है।
सूर्योदय के समय जो किरणें हमारे शरीर पर पड़ती हैं, वे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। संसार का कोई भी ऐसा रोग नहीं है, जो सूर्य पूजा से ठीक नहीं हो सकता। सूर्य की कोई भी पूजा-आराधना उगते हुए सूर्य के समय में बहुत लाभदायक सिद्ध होती है।
ज्योतिष शास्त्र में इसी कारण सूर्य को नवग्रहों का सम्राट कहा गया है। अर्घ्य मंत्र से अर्घ्य देने पर सफलता के मार्ग में आ रही सभी अड़चने खत्म होती हैं। इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान सूर्यदेव को दुध चढ़ाना चाहिए- काम धेनु समूद भूतं सर्वेषां जीवन परम् पावनं यज्ञ हेतुश्च पय: स्नानार्थ समर्पितम्।
इस मंत्र को पढ़ते हुए सूर्य को दीप दर्शन कराएं- साज्यं च वर्ति सं बह्निणां योजितं मया दीप गृहाण देवेश त्रैलोक्य तिमिरा पहम।
रविवार की सुबह केसरी अथवा सुनहरे रंग के कपड़ें पहन कर सूर्य के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं, फिर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इससे जल्दी ही सरकारी नौकरी मिलने के योग बनेंगे। रविवार को व्रत रखें, नमक का सेवन न करें।
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